कुमार इंदर, जबलपुर। साल 2025 विदाई की दहलीज पर है। यह साल विकास के दावों के बीच जबलपुर के लिए एक कड़वी याद भी छोड़ गया है। इस साल संस्कारधानी में अपराध के आंकड़ों ने न केवल पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त किए, बल्कि पुलिस प्रशासन की नींद भी उड़ा दी। हत्या, लूट और सायबर ठगी जैसे मामलों ने शहर की शांति पर सवालिया निशान लगा दिया है।
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साल 2025 ऐसे तो कई कामों और कारनामों के लिए याद किया जाएगा, लेकिन बात यदि अपराध की जाए तो यह साल जबलपुर के इतिहास में ‘क्राइम ईयर’ के तौर पर दर्ज होगा। जबलपुर जिले में जिस रफ्तार से अपराध बढ़े हैं, उसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सायबर फ्रॉड को छोड़ दें, तो जिले में कुल 1,45,890 अपराध दर्ज किए गए हैं। इन आंकड़ों का वर्गीकरण डराने वाला है।
ग्राफिक्स के जरिए एक नजर
- हत्या: 66 मामले
- हत्या की कोशिश: 188
- अपहरण: 590
- बलात्कार: 124
- छेड़छाड़: 206
- लूट: 79
- झपटमारी: 61
- वाहन चोरी: 840
- गृहभेदन: 392
- चोरी: 222
- रेत चोरी: 15
- आर्म्स एक्ट: 865
- NDPS (नशा): 94
- आबकारी (अवैध शराब): 6101
- जुआ-सट्टा: 1626
- प्रतिबंधात्मक कार्रवाई (107/110/158): 38,442 मामले
- रासुका: 16
- जिला बदर: 267
- कुल दर्ज अपराध: 1,45,890
अपराध का जाल सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डिजिटल दुनिया में भी अपराधियों ने जमकर तांडव मचाया। साल 2025 में जिला स्तर पर सायबर फ्रॉड के 500 से ज्यादा मामले सामने आए, जिनमें करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी हुई। हालांकि, पुलिस की मुस्तैदी से इसमें से 1 करोड़ रुपये रिकवर भी किए गए।
वहीं, अगर पूरे मध्य प्रदेश की बात करें तो चारों ज़ोन—जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और भोपाल—में कुल 260 बड़े सायबर केस दर्ज हुए, जिनमें ठगी की कुल राशि 250 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई। अकेले जबलपुर संभाग में 100 से ज्यादा केस दर्ज हुए, जहां 74 करोड़ से अधिक की चपत लोगों को लगी है।
साइबर अपराध में भी बढ़ोतरी
जबलपुर में इस साल अपराध का एक नया और खतरनाक ‘ट्रेंड’ भी देखने को मिला। अब अपराधी वारदातों को अंजाम देने से पहले या बाद में सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम का सहारा ले रहे हैं। पहले इंस्टाग्राम पर लाइव आकर या पोस्ट के जरिए धमकी दी जाती है और फिर अपराध किया जाता है। कई मामलों में तो अपराधियों ने वारदात का वीडियो बनाकर अपनी धौंस जमाने के लिए उसे पोस्ट भी किया। पुलिस अब इस ‘सोशल मीडिया क्राइम’ से निपटने के लिए नई रणनीति और एडवाइजरी पर काम कर रही है।
आंकड़े गवाह हैं कि संस्कारधानी में कानून व्यवस्था के सामने चुनौतियां पहाड़ जैसी हैं। 2025 के ये जख्म बताते हैं कि आने वाले साल में पुलिस को तकनीक और फील्ड, दोनों मोर्चों पर दोगुनी ताकत से लड़ना होगा।
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