सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश की रतलाम पुलिस ने साइबर ठगी के नाम पर जालसाज करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। बदमाशों ने रिटायर्ड प्रोफेसर को 28 दिनों तक बंधक बनाया। फिर उनसे 1 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपए की ठगी कर ली। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश कर 11 आरोपियों को अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया है। एसपी ने बताया कि इसके तार यूपी, बिहार से लेकर असम के तार जुड़ रहे हैं।
247 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का दिखाया डर
दरअसल, 15 नवंबर को फरियादी को अज्ञात नंबर से फोन आया था। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए फरियादी को गंभीर आरोपों में फंसाने का डर दिखाया। आरोपी ने उनसे कहा कि उनके नाम से जारी सिम का उपयोग एक बड़े फ्रॉड में हुआ है। मुंबई के केनरा बैंक में लगभग 247 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। जिसमें फरियादी का आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज लगे हुए हैं। फरियादी की ओर से किसी भी प्रकार की जानकारी से इनकार करने पर उसे गिरफ्तारी वारंट जारी होने और तत्काल गिरफ्तारी का दर दिखाया गया।
कोर्ट जैसा सेटअप बनाकर किया डिजिटल अरेस्ट
इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिए मानसिक दबाव बनाकर आधार कार्ड और पर्सनल डॉक्यूमेंट लिए गए। बदमाशों ने उनके मोबाइल में Signal App इंस्टॉल करवाया। वीडियो कॉल के दौरान कोर्ट जैसा सेटअप, जज, वकील और गवाहों का नाटकीय दृश्य दिखाकर उसे “डिजिटल अरेस्ट” किया गया। फरियादी की संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी लेकर ब्लैकमेल किया गया और 15 नवंबर से 12 दिसंबर (28 दिन तक) कुल 1 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपए के लिए गए।
आरोपियों के खाते से 14 लाख बरामद
पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद डीडी नगर थाना ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसपी अमित कुमार ने ASP (शहर) राकेश खाखा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विवेक कुमार लाल के मार्गदर्शन में 18 सदस्यीय SIT का गठन किया। पुलिस ने जबलपुर से अशोक जायसवाल (61), सनी जायसवाल (34), सारांश उर्फ शानु तिवारी (18) और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया। बदमाशों ने फरियादी से ठगी गई राशि में से कुल 14 लाख रुपए आपसी सांठ-गांठ कर अपने अकाउंट में लिए।
UP का NGO संचालक भी था शामिल
वहीं रतलाम पुलिस ने नीमच से आरोपी पवन कुमावत (23) को गिरफ्तार किया जिसके खाते से 14 लाख रुपए मिले। साथ ही उत्तर प्रदेश से आरोपी अमरेन्द्र कुमार मौर्य (34) को गिरफ्तार किया गया। आरोपी एक NGO संचालक है। जिसके बैंक खाते में 50 लाख रुपये का संदिग्ध लेन-देन पाया गया।
गुजरात समेत कई राज्यों के आरोपी शामिल
पुलिस ने गुजरात से आरिफ घाटा, हमीद खान पठान, शाहिद कुरेशी, सादिक हसन समा को भी गिरफ्तार किया। आरोपियों ने ठगी के पैसों से क्रिप्टोकरेंसी खरीद कर लगभग 5 लाख रुपए का मुनाफ़ा कमाया था। पुलिस की एक टीम बिहार रवाना की गई है, जहां अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। गुजरात में भी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है।
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