हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से फैली बीमारी के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को इंदौर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने परदेशीपुरा चौराहे से सीधे वर्मा नर्सिंग होम पहुंचकर वहां भर्ती मरीजों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। वर्मा नर्सिंग होम में इस समय 17 बीमार मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ईएसआईसी अस्पताल, DNS हॉस्पिटल और शेल्बी हॉस्पिटल में भी भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की।

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मुख्यमंत्री ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट, एसीएस संजय दुबे, कमिश्नर, कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी। प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और दूषित पानी से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

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उन्होंने बताया कि अब तक 40 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और प्रभावितों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार किसी भी हालत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर इलाज मिलने से स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सीवरेज और जलापूर्ति लाइनों की तकनीकी खामियों को दूर करने पर विशेष रूप से काम किया जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर बुधवार को एसीएस और संबंधित अधिकारी अलग से बैठक कर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। उन्होंने दो टूक कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी लापरवाही को सरकार गंभीर अपराध मानती है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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