रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थल भोरमदेव के लिए नया वर्ष 2026 एक ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ प्रारंभ होने जा रहा है। लगभग 146 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली ‘भोरमदेव कॉरिडोर विकास परियोजना’ का भूमिपूजन 01 जनवरी को संपन्न होगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत स्वीकृत की गई है। इसे अब तक की छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी केंद्रीय पर्यटन परियोजना मानी जा रही है।

इस परियोजना का भूमिपूजन केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के करकमलों से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की गरिमामय उपस्थिति में होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं अरुण साव, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, सांसद संतोष पाण्डेय, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल नीलू शर्मा सहित कई विधायक, निगम-मंडल-आयोगों के अध्यक्ष एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

पर्यटकों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं

‘छत्तीसगढ़ के खजुराहो’ के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर अपनी प्राचीन स्थापत्य कला और धार्मिक आस्था के लिए देश-विदेश में विख्यात है। इस कॉरिडोर के विकास से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को नई गति मिलेगी। हाल ही में मंदिर का केमिकल संरक्षण कार्य भी पूर्ण किया गया है, जिससे इस धरोहर की दीर्घकालीन सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

भोरमदेव मंदिर में होगी ये सुविधाएं

परियोजना के अंतर्गत मुख्य मंदिर परिसर, तालाब क्षेत्र, मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुआ मंदिर, शिव प्लाजा, मेला ग्राउंड एवं सरोधा डैम में प्रवेश द्वार, प्लाजा, संग्रहालय, मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, पार्क, ब्रिज, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, बोटिंग एवं वाटर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इस परियोजना से पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। भोरमदेव कॉरिडोर का भूमिपूजन छत्तीसगढ़ के पर्यटन इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा।