रोहित कश्यप,मुंगेली। कांग्रेसियों के द्वारा बीजेपी सांसदों के घरों के घेराव को लेकर बिलासपुर सांसद अरुण साव ने कहा कि पवित्र गंगाजल की झूठी कसम खा, किसानों से वादाखिलाफी करने वाली कांग्रेस पार्टी का घेराव आंदोलन महज दिखावा और नौटंकीबाजी है. वास्तव में कांग्रेसी यदि किसानों के हितैषी हैं, तो उन्हें किसानों को धोखा देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का घेराव करना चाहिए.

सांसद अरुण साव ने जारी बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसानों का एक-एक दाना धान 25 सौ रुपए के समर्थन मूल्य पर खरीदने, दो वर्षों का बकाया बोनस देने, प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने जैसे लोकलुभावन वायदे कर कांग्रेस राज्य की सत्ता में आई है. सत्ता मिलते ही अब कांग्रेस सरकार के सुर बदल गए हैं. उन्हें वायदानुसार 25 सौ रुपए में धान खरीदने से किसी ने रोका नहीं है, लेकिन भूपेश सरकार की नीयत ही नहीं है किसानों का धान खरीदने की.

यही कारण है कि प्रदेश की किसी भी सोसायटी को राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों का धान 25 सौ रुपए में खरीदने संबंधी आदेश-निर्देश अब तक जारी नहीं किए गए हैं, और ना ही शासन-प्रशासन की इस दिशा में कोई तैयारी दिखती है. धान खरीदी 1 नवंबर की बजाय 1 दिसंबर से किए जाने के फैसले से प्रदेश के किसान हताश हैं. नतीजतन किसानों को बारह-तेरह सौ रुपए के दाम पर बाजार में अपना धान बेचना पड़ रहा है. इन किसानों के धान को जब्त कर कांग्रेस सरकार उन्हें भी प्रताड़ित कर रही है.

सांसद अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और भूपेश सरकार को घेराव और धरने की दिखावी राजनीति छोड़ चुनाव के वक्त राज्य की जनता से किए गए सभी वायदों को बिना किसी लाग-लपेट के गंगा जल की पवित्रता का मान रख पूरा करना चाहिए. धान खरीदी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी विफलता छिपाने ठिकरा किसी और पर फोड़ने से बाज आना चाहिए। प्रदेश के किसानों का धान वायदानुसार 25 सौ रुपए में राज्य की भूपेश सरकार द्वारा यदि नहीं खरीदा गया तो भाजपा को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.