रायपुर। दो कपल एक साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं. बाद में बात बिगड़ती है, तो युवती दुष्कर्म का आरोप लगा देती है. मामला कोर्ट तक पहुंच गया. अब कोर्ट ने युवती को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट में दुष्कर्म का अपराध साबित नहीं होने पर युवक को दोषमुक्त कर दिया गया है. साथ ही सिंदूर भरकरशादी करने का आश्वासन देकर जबरदस्ती दुष्कर्म करने के आरोप को भी संदेहजनक माना गया है.
दरअसल मोवा निवासी आशीष होरा के खिलाफ करीब दो साल पहले 31 वर्षीय युवती ने पंडरी थाने में दुष्कर्म, मारपीट और धमकी का अपराध दर्ज कराया था. युवती आशीष के साथ 15 सितंबर 2016 से 23 मई 2017 तक लिव इन रिलेशनशिप में रही. दोनों दलदल सिवनी स्थित नेचुरा अपार्टमेंट में आशीष के फ्लैट में रहते थे. 24 मई 2017 को पंडरी थाने में युवती ने आशीष के खिलाफ दुष्कर्म का अपराध दर्ज कराया था.
युवती ने आरोप लगाया था कि मांग में सिंदूर भरकर शादी करने का विश्वास दिलाकर आशीष दुष्कर्म करता रहा, फिर एक माह पहले शादी करने से इनकार कर दिया और मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी. पुलिस ने चालान पेश किया. इसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट अपर सत्र न्यायाधीश पूजा जायसवाल के कोर्ट में विचाराधीन था. इसकी सुनवाई के दौरान युवती पक्ष के वकील धोखा देकर या जबरदस्ती दुष्कर्म करना साबित नहीं कर पाए. एफआईआर में दर्ज कराए गए आरोप भी साबित नहीं हो पाए. इसके चलते कोर्ट ने आशीष होरा को दुष्कर्म के अपराध से दोषमुक्त कर दिया.
युवती का लिव इन रिलेशनशिप में रहना और उसकी दो बार शादी करके तलाक होने के चलते केस कमजोर हो गया. इसके चलते कोर्ट ने आरोपी युवक के पक्ष में निर्णय दिया. उल्लेखनीय है कि दुष्कर्म के कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें पीड़िता अपनी सहमति से संबंध बनाती है. बाद में जबरदस्ती या शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराती है. ऐसे में कोर्ट ने अच्छे से सोंच समझकर यह निर्णय लिया है.