रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है. 6 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल दस बैठकें होंगी. सत्र में धान खरीदी समेत दर्जनभर मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है, इधर सरकार ने विपक्ष के आरोपों पर मुखर जवाब देने की तैयारी कर ली है. हालांकि सत्तापक्ष-विपक्ष की विधायक दल की बैठक में रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा. विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक शीतकालीन सत्र के लिए सदस्यों ने 1472 सवाल लगाए हैं, जिनमें से 788 तारांकित और 684 अतारांकित सवाल हैं.
इधर चर्चा है कि बीजेपी सत्र के पहले दिन ही धान खरीदी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव सदन में लाएगी. धान खरीदी में हो रही लेटलतीफी के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा मच सकता है. बीजेपी का आरोप है कि खरीदी की प्रक्रिया लेट होने की वजह से किसान खुली मंडी में धान बेचने पर मजबूर हैं. किसानों को इससे बड़ा नुकसान हो रहा है. दूसरे राज्यों से आ रहे अवैध धान रोकने के मामले में भी बीजेपी सरकार पर हमलावर हो सकती है. इधर सरकार धान खरीदी के मसले पर बार-बार चिट्ठी लिखने के बावजूद अनुमति नहीं दिए जाने को मुद्दा बनाकर बीजेपी पर हमलावर हो सकती है.
सत्र की तैयारियों को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कहा है कि सरकार को सदन में घेरने के लिए मुद्दों की कोई कमी नहीं है. मुद्दे इतने हैं कि सत्र की बैठकों के दिन कम पड़ जाएंगे. डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि हालांकि यह विधायक दल की बैठक में तय होगा कि किन मुद्दों को पहले उठाया जाएगा, लेकिन धान खरीदी एक बड़ा विषय है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार से सवाल पूछे जाएंगे. राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे बड़े शहर जब सुरक्षित नहीं है, तो प्रदेश के दूसरे हिस्सों में क्या हाल होंगे, यह समझा जा सकता है. कलेक्टर के घर चोरी हो रही है. चाकूबाजी की घटनाएं आम हो गई हैं. सुरक्षा को लेकर आम जनता में भय का माहौल् है. इस पर चर्चा होगी. डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि शराबबंदी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली कांग्रेस अब सत्ता में आने के बाद इसे लेकर चुप हैं. आज ये लोग कटघरे में खड़े हैं. यह एक बड़ा मुद्दा होगा. हालांकि इधर बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि धान खरीदी, शराबबंदी, कानून व्यवस्था के अलावा रेत का अवैध परिवहन, हिरासत में मौत जैसे मुद्दे भी सदन में जोरशोर से उठेंगे.
दिवंगत सदस्यों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
सत्र के पहले दिन लोकसभा, विधानसभा के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, उनमें पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक मालूराम सिंघानिया, पूर्व सांसद डाक्टर बंशीलाल महतो और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैलाश जोशी के नाम शामिल हैं. निधन के उल्लेख के बाद दिवंगतों के सम्मान में सदन की कार्य़वाही पांच मिनट के लिए स्थगित होगी. इसके बाद प्रश्नकाल शुरू होगा. ध्यानाकर्षण के जरिए प्रदेश में स्टेरायड्स इंजेक्शन की अवैध बिक्री और नेशनल हाइवे 49 के निर्माण में अनियमितता का मामला सदन में जोरशोर से उठेगा.
अनुपूरक बजट होगा पेश
सत्र की बैठक के पहले दिन ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेंगे. बताया जा रहा है कि करीब पांच हजार करोड़ रूपए का यह अनुपूरक बजट होगा. पिछले दिनों हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह तय किया गया था कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर सदन में विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा. हालांकि इस दिन प्रश्नकाल होगा. चर्चा प्रश्नकाल के बाद शुरू होगी.
अपनी ही सरकार को घेरेंगे सत्तापक्ष के विधायक
शीतकालीन सत्र बेहद दिलचस्प भी होगा. इसके दिलचस्प होने की अपनी ठोस वजह है. सरकार के खिलाफ सर्वाधिक सवाल सत्तापक्ष के विधायकों ने ही लगाए हैं. दरअसल सदन में कांग्रेस के 69 विधायक हैं. ऐसे में सदन में एक तिहाई से ज्यादा बहुमत होने की स्थिति में यह वाजिब है कि सत्तापक्ष के सदस्यों के सवाल अधिक होंगे, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि कई सवाल ऐसे हैं, जिससे सरकार को सदन में जवाब देने में मुश्किलें आ सकती है. हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा, जब सत्तापक्ष के विधायक अपनी ही सरकार को किसी सवाल पर सदन में घेरते नजर आए हो, इससे पहले भी ऐसी तस्वीरें नजर आती रही हैं. सत्ता में कांग्रेस के आने के बाद हुए सत्रों में भी ऐसे कई नजारे नजर आते रहे हैं, जहां सत्तापक्ष के विधायक सवाल उठाते रहे हैं. कई मौकों पर खुद स्पीकर ने भी मंत्रियों पर