दिल्ली। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने 24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कई मुद्दों पर अपनी बात रखीं. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गरियाबंद जिले के ग्राम सुपेबेड़ा में किडनी रोग से प्रभावितों की समस्या को साझा किया. उन्होंने बताया कि सुपेबेड़ा में कई पुरूष और महिलाएं किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं. इस कारण से वहां पर कुछ मौतें भी हुई हैं. इस संबंध में जानकारी मिलने पर गरियाबंद जिले के ग्राम सुपेबेड़ा के दौरे पर गई और प्रभावितों से मुलाकात की. साथ ही प्रशासन से उनके इलाज और शुद्ध पेयजल प्रदान करने के लिए सुविधाएं देने के लिए निर्देश देने को कहा. फलस्वरूप राजधानी रायपुर में उनके निःशुल्क इलाज की और रहने की व्यवस्था की गई है.


इसके साथ ही राज्यपाल ने सम्मेलन में नक्सल संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की. उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को नक्सली समस्या के शीघ्र समाधान करने के लिए उठाए जा रहे कदम के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने बैठक में जनजातीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष गैर राजनीतिक को बनाएं जाने परिषद में सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि को शामिल किए जाने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने 5वीं अनुसूची क्षेत्र में पेशा कानून के शीघ्र क्रियान्वयन करने का भी आग्रह किया. इसके बाद राज्यपाल ने विभिन्न सामाजिक संगठनों से हुई मुलाकातें, कुलपतियों की बैठक सहित अन्य किए गए कार्यों की जानकारी दी.


राज्यपाल ने बैठक में कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और बिजली की सुविधाओं के लिए अलग बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए. इस संबंध में सामाजिक संगठनों ने भी मुलाकात के दौरान यह मांग की थी. राज्यपाल ने सम्मेलन में सरगुजा और बस्तर में आदिवासी विश्वविद्यालय खोले जाने का भी आग्रह किया.