रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी को लेकर बड़ा एलान किया है. इसमें एक तरफ जहां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1850 रुपए में धान की खरीदी करेंगे. इसके बाद न्याय योजना के तहत किसानों के खाते में 685 रुपए डाले जाएंगे. आज 4 हजार 546 करोड़ 61 लाख 521 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन में चर्चा के बाद पारित कर दिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने धान खरीदी में 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के मामले में विपक्ष के तमाम आरोपों के बीच घोषणा करते हुए कहा कि मंत्रिमंडलीय समिति बजट से पहले अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. बजट सत्र में न्याय योजना लागू होगा जिसमें बचत की राशि किसानों के खाते में जमा कर दी जाएगी. बजट सत्र में इसके लिए विशेष रूप से प्रावधान किए जाएंगे और बचत की राशि किसानों के खाते में जमा कर दी जाएगी.
अनुपूरक बजट में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वित्तीय कौशल पर संदेह किया जा रहा है. मैं आकंड़े दे रहा हूँ जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. पहले और दूसरे अनुपूरक का बजट का आकार एक लाख 4 हजार 487 करोड़ का हो गया है. राजकोषीय घाटा कम करते हुए राजस्व बढ़ोतरी के उपाय किये जायेंगे. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक विकास मूलक कार्यों पर व्यय में राज्य पहले स्थान पर है. ऋण ब्याज भुगतान अन्य राज्यो की तुलना में न्यूनतम है. बजट को लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है . किसानों के खाते में पैसा डालने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था नहीं बिगड़ती. गरीब, आदिवासियों के खाते में पैसा डालने से अर्थव्यवस्था नहीं बिगड़ती. अर्थव्यवस्था तब बिगड़ती है जब कर्ज लेकर कॉरपोरेट में पैसा डाला जाता है. जैसे मनरेगा शुरू करके मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था शुरू की थी वैसे ही किसानों की कर्जमाफी करके हमने प्रदेश को मंदी से उबारा है.
विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साल भर की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजिम पुन्नी मेला, हरेली-तीजा, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा की छुट्टी दी है. छत्तीसगढ़ लोक रंगों की धरती है. यहां अनेक बोली और भाषा बोली जाती है. इसका अपना संसार है. अपनी ऊंचाई है. कल छत्तीसगढ़ विधानसभा में नया इतिहास गढ़ा गया. डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा लिखित अरपा-पैरी के धार को राजकीय गीत को सदन में गाने की परिपाटी शुरू की गई. इस वर्ष हमने मीर अली मीर को सम्मानित किया है. उनका नंदा जाहि का…सबने सुना है. जिस तरह से पुन्नी मेला जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर है उसे विकसित करने की परंपरा शुरू की है. अब कोई कवि चिंता नहीं करेगा कि नंदा जाहि का…
भूपेश ने कहा कि पिछली सरकार की रुचि रही है स्काई वाक. इनकी रुचि रही है छह हजार करोड़ रुपये की नई राजधानी, जहां कोई नहीं रहता. हमारे विकास की दृष्टि छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति है. सिर्फ व्यक्ति नहीं बल्कि यहां का मवेशी भी हमारी निगाह में है, जिसके लिए हम योजना बना रहे है. अब बीमा कम्पनी को पैसा नहीं जाएगा. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य योजना में 56 लाख परिवार को फायदा होगा. 20 लाख तक हम स्वास्थ्य के लिए आर्थिक सहायता देंगे, यह देश मे सर्वाधिक है. 2 अक्टूबर से मुख्यमंत्री सुपोषित योजना हमने शुरू की थी, आज लाखों बच्चे लाभान्वित हो रहे है.
डीएमएफ का पैसा अब स्वास्थ्य, सुपोषण, शिक्षा के लिए खर्च हो रहा है. आज बस्तर के विधायक डॉक्टर की कमी की बात नहीं करता. जगदलपुर में 25 डॉक्टर है. बीजापुर में 26 डॉक्टर है. ये डीएमएफ का पैसा आदिवासियों के हित के लिए था. पिछली सरकार इस पैसे से कंक्रीट का जंगल खड़ा करना चाहते थे, हम मानव संभ्यता का विकास करना चाहते हैं.
फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपये बजट में प्रावधान किया गया है. पिछली सरकार ने बड़े-बड़े आयोजन किये, विदेश दौरा किया लेकिन एक भी उद्योग नहीं आया. हमने नई उद्योग नीति बनाई है. समावेशी विकास करने की हमारी योजना है.
भूपेश बघेल ने कहा कि एक दिन में कोई रिजल्ट नहीं मिलता. अधिकारी वहीं है, लेकिन पहले क्या काम लिया जाता था और आज कैसा काम लिया जा रहा है. हमने अधिकारियों को गांव से जुड़ने का काम कराया. पहले लोग अधिकारियों से मिलने से घबराते थे लेकिन आज अधिकारी लोगों के साथ जुड़कर विकास की दिशा में काम कर रहे हैं. नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना का मजाक बनाते है, मैं पूछता हूँ केंद्र सरकार क्या कर रही है. घर-घर नल, पानी का दोहन करना चाहते है. स्वच्छता अभियान का हम विरोध नहीं करते थे, हम यही कहते थे कि पहले पानी की व्यवस्था कीजिये.
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि दिल्ली को गैस चैंबर में मत बदलिए, लेकिन केंद्र के कान में जूं तक नहीं रेंग रही और हम यहां काम कर रहे है तो इन्हें दिक्कत क्यों हो रही है ? ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. मौसम को ठंडक कैसे किया जा सकता है. पानी और हवा दोनों को आज प्रदूषित कर रहे है. पानी का स्त्रोत बढ़ा दें तो पानी जमीन में बना रहेगा. ठंडक बनी रहेगी. यही काम तो छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. एक हजार नालों के डीपीआर का काम हमने तैयार कर लिया है. पर्यावरण को बचाने का काम ही तो छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. पैरा को हमने कंपोस्ट खाद्य में बदलने का सुझाव हमने केंद्र को दिया था. ये तो मानवता को लेकर है, इसका विरोध क्यों करते हैं.