दिल्ली. भारतीय इकानमी के लिए हर मोर्चे पर बुरी खबरें आ रही हैं. देश में बैंकों से लेकर हर सेक्टर की हालत खस्ता है. कंपनियों का उत्पादन ठप है तो महंगाई का बुरा हाल है. अब एक और बुरी खबर इस मोर्चे पर है.
वित्तीय वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी यानि कि आर्थिक विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है. जुलाई से सितंबर की तिमाही में जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी हो गई है जबकि पिछले साल इसी वक्त विकास दर 7.1 फीसदी थी.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले छह साल में ये जीडीपी का सबसे निचला स्तर है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सुस्ती और कृषि के क्षेत्र में खस्ता हाल से जीडीपी में यह गिरावट दर्ज की गई है. भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दुनिया की कई एजेंसियों ने नकारात्मक टिप्पणी की है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ ने भी कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि काफी कमजोर रहेगी.