भोपाल। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं है कि मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग ने महात्मा गांधी को ‘कुबुद्धि’ बता दिया है. इस तरह की लापरवाही ने विभाग पर कई तरह के प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं. 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जारी ‘मॉडल प्रश्नपत्र’ में ‘गैंबलिंग’ की जगह ‘गांधीजी’ छप जाने से प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है.
दरअसल प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा बुक में गांधी जी के लिए कुबुद्धी शब्द का इस्तेमाल किया गया है. पिछले कई महीनों से यह मॉडल पेपर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है.इस मॉडल टेस्ट पेपर के पहले पेज के सातवें सवाल में अंग्रेजी में प्रश्न है कि सुबुद्धि और कुबुद्धि की विशेषताएं क्या होती हैं?
इसके जवाब में अंग्रेजी में ही लिखा गया है – ‘सुबुद्धि एक ईमानदार इंसान था और उसने अच्छी जिंदगी जी। कुबुद्धि एक दुष्ट इंसान था और उसने दारू पीने और ‘गांधीजी’ की जिंदगी जी।’ दरअसल ‘गांधीजी’ की जगह यहां पर ‘गैंबलिंग’ (जुआ खेलने) छपा होना चाहिए था. पूरा विवाद इसी शब्द पर खड़ा हो गया है.