रायपुर। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग हो रही है, उससे इस शताब्दी के अंत तक दोगुनी हो जाएगी. परिस्थिति ऐसी है कि पांच साल में 1.5 डिग्री तापमान पढ़ रहा है. ये बातें विवश कर रही है कि समय रहते जाग जाएं. यह बात स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने राजीव गांधी फाउंडेशन की ओर से सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर आयोजित कार्यक्रम में कही.
टीएस सिंहदेव ने कहा कि फैक्टरियां लगती हैं, लेकिन एक समय बाद बंद हो जाती हैं. बड़ी-बड़ी चुनौतियां हैं. समानता-असमानता बड़ी चुनौतियां हैं. छत्तीसगढ़ में हम क्या कर सकते हैं, यूनिवर्सल हैल्थकेअर को हमने अडॉप्ट किया है. उन्होंने कहा कि मैनिफेस्टो में तीन स्तर पर फीडबैक लेकर बनाया है. जमीनी स्तर से, इंटेलकटुअल फीडबैक और पोलिटिकल चश्मे से.
उन्होंने कहा कि जब पहली कैबिनेट की बैठक में मेनिफेस्टो की एक कॉपी ले गए. मैंने कहा कि ये नॉन नेगोशबल है. घोषणापत्र में एक भी बात ऐसी नहीं जो न की जा सके. उसी दरम्यान ये वातावरण बन रहा था कि लोग पशु को छोड़ रहे थे. तो हमने नरवा गरुआ शुरू किया. इसे सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल बनाने की कोशिश है. एम्प्लॉययंट एक बड़ा लक्ष्य है. हमारे सारे मॉडल के पीछे सेल्फ सस्टेनेबिलिटी का ध्यान रखा गया है.
सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी से छत्तीसगढ़ को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जो समान यहां इस्तेमाल में नहीं होता, उसका फायदा छत्तीसगढ़ को नहीं हो रहा. 4000 करोड़ का नुकसान सेस खत्म होने के बाद होगा.