नई दिल्ली। ‘दिशा’ गैंग रेप और हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद हैदराबाद से लेकर संसद तक फिर से मुद्दा गरम हो गया है. संसद में मुद्दे पर एक बार फिर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने खड़े नजर आए. विपक्ष जहां उन्नाव का मुद्दा उठा रहा था, वहीं भाजपा सांसद बंगाल में माल्दा का मामला उठा रहे थे.

संसद में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्नाव घटना कांड का जिक्र किया, जहां रेप पीड़िता को आरोपियों ने मिट्टी तेल से जला दिया है. इस पर भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने न्याय प्रक्रिया को तीव्र किए जाने की बात कहते हुए पुरुषों में महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने इसे महिमा मंडित किए जाने के लिए समाचार पत्रों को जवाबदेह बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं दूसरे देशों में भी होती है, लेकिन वे अखबारों में अंदर के पन्नों पर छपती हैं, लेकिन हमारे देश में पहले पन्ने पर छपता है.

बीजू जनता दल के सांसद अनुभव मोहंती ने बलात्कार जैसे संवेदनशील मुद्दे का भी राजनीतिकरण किए जाने पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना को महिला-बहन शिकार होती है, वह आखिर इंसान होती है. उसका परिवार भी प्रताड़ना से गुजरता है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रो सौगाता रे ने हैदराबाद में पुलिस एनकाउंटर की सोशल मीडिया में की जा रही प्रशंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वे एनकाउंटर का समर्थन नहीं करते, लेकिन इस तरह की घटनाओं में जल्द से जल्द न्याय दिलाए जाने की जरूरत है.

भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने मामले का राजनीतिकरण किए जाने पर सवाल करते हुए कहा कि उन्नाव की घटना नजर आती है, लेकिन पश्चिम बंगाल में मालदा में हुई घटना पर चुप्पी साध जाते हैं. स्मृति ईरानी के इस बयान से सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू हो गया.