पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। खाद्य सुरक्षा मानकों से अनभिज्ञ कारोबारियों को फूड सेफ्टी विभाग ने शिविर लगाकर मानकों की बारीकियों से अवगत कराया. अधिकारियों ने बताया कि किसी भी प्रोडक्ट की गारंटी उसका पक्का बिल होता है. मेन्यूफेक्चरर से क्रय सामग्री का बिल अवश्य लें. इसके साथ नागपुर से आए एक्सपर्ट ने कारोबारियों को खाद्य सामग्री बिक्री करने के लिए बरतने वाले सावधानियों की जानकारी दी.
गरियाबंद में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से निजी सभागार में शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिले भर से खाद्य सामग्री उत्पादन व विक्रय करने वाले कारोबारियों को आमंत्रित किया गया था. दरअसल, कारोबारियों ने ही विभाग को सुझाव दिया था कि खाद्य सुरक्षा मानकों की जानकारी नही होने के कारण उनके लिए दुविधा की स्थिति रहती है. सुझाव पर अमल करते हुए जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कलेक्टर श्याम धावडे़ एवं विभाग के नियंत्रक सत्यनारायण राठौर के निर्देश पर शिविर का आयोजन किया.
कारोबारियों को मानक, उसे पालन करने के तरीके एवं कानूनी कार्यवाही से बचने किन-किन बातों का ध्यान रखने के जानकारी दी. तरुण बिरला ने बताया कि किसी भी खाद्य सामग्री के मानक में होने की गारंटी उस फर्म से दिये जाने वाला बिल होता है. इस बिल के होने पर जांच में सामग्री का सेम्पल फेल होने पर जिम्मेदारी रिटेलर की नहीं, बल्कि मेनुफेक्चरर की हो जाती है. इसलिए अनिवार्य रूप से क्रय उत्पाद का बिल रखने की सलाह दिया गया है.
कार्यक्रम में विशेष ट्रेनर सजंय काले ने शिविर में मौजूद 144 बड़े कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण फोस्टेक कार्यक्रम के तहत फ़ूड सेफ्टी सर्विसेस की सभी बारीकियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि खाद्य सामग्री बेचने के स्थान अगर पक्की फ्लोर व दीवारों से घिरी नहीं होगी तो चूहे व अन्य घातक जन्तुओं से नुकसान पहुंच सकता है. रखरखाव, साफ सफाई के अलावा खुले सामग्री को विक्रय व उत्पाद तैयार करते समय शरीर के उन हिस्सों को सही तरह से ढकने की सलाह दी, जिससे खाद्य सामग्री में बाल या कोई भी दूषित वस्तु न पड़े.
शिविर में देवभोग, मैनपुर, छुरा, राजिम, फिंगेश्वर ब्लॉक के कारोबारियों के अलावा व्यापारी संघ के पदाधिकारी व फ़ूड वेंडर शामिल थे. तरुण बिरला ने बताया कि आयोजन सोमवार को भी होगा, जिसमें छोटे व फुटकर व्यापारियों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा.