शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। राज्य सरकार के प्रमोशन में आरक्षण के फैसले पर उच्च न्यायालय ने रोक बरकरार रखी है. प्रकरण में सरकार आज भी अपना जवाब पेश नहीं कर पाई. मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण लागू किया है. इस फैसले को एस.संतोष कुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उच्च न्यायालय की डबल बेंच न्यायमूर्ति पीआर मेनन एवं पीपी साहू ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए यह निर्देशित किया है कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रमोशन जारी रखे.
बेंच ने कहा है कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए सर्वोच्च न्यायालय एवं केन्द्र शासन के निर्देशों के तहत कार्यवाही की जाए, तब तक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को प्रमोशन नही दिया जायेगा.
पिछले दिनों राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दिए अपने जवाब में यह माना था कि प्रमोशन में आरक्षण का नियम बनाने के पहले अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और केंद्र सरकार की नीति का सही तरीके से अध्ययन नहीं किया था. सरकार के इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने के फैसले पर स्टे लगा दिया था. अब एक बार फिर राज्य सरकार की ओर से जवाब नहीं आने के बाद स्टे बरकरार रखा गया है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी करते हुए प्रमोशन में आरक्षण लागू किया था, जिसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग को 13 फीसदी और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 फीसदी आरक्षण दिया जाना तय किया गया था. इस फैसले के खिलाफ ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
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