रायपुर- कुरूद के हंचलपुर में हाल ही में हुए कांग्रेस के पंचायती राज सम्मेलन को लेकर सरकार के कद्दावर मंत्री अजय चंद्रकार ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया को खुली चुनौती दी है. चंद्राकर की दलील है कि पंचायती राज व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने सम्मेलन का आयोजन किया था, लेकिन सम्मेलन में पंचायती राज को लेकर चर्चा भी नहीं हुई, जरूर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का जमकर दौर चला.
कुरूद अजय चंद्रकार का विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां 10 सितंबर को कांग्रेस ने पंचायती राज सम्मेलन का आय़ोजन किया था. सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया, पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, पंचायती राज संगठन के राज्य प्रभारी कुणाल बैनर्जी समेत कई नेता शामिल हुए थे. सम्मेलन में पी एल पुनिया ने जहां राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक निशाना साधा, तो वहीं भूपेश बघेल ने कमीशनखोरी का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि कांग्रेस की सरकार आई, तो मौजूदा मंत्रियों की संपत्तियों की जांच कराई जाएगी.
कांग्रेस के पंचायती राज सम्मेलन को लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने पी एल पुनिया को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि-
जिस पंचायतीराज सम्मेलन में पुनिया गए थे, वहां इसकी चर्चा भी नहीं हुई. लगता है कि पी एल पुनिया को छत्तीसगढ़ का अध्ययन नहीं है. पंचायती राज व्यवस्थाओं के बारे में भी उन्हें जानकारी नहीं है. मुझे लगता है कि उन्होंने अपने सेवाकाल में पंचायत विभाग नहीं देखा होगा. मैं उनके साथ किसी भी मंच में, किसी भी विशेषज्ञ के सामने खुली बहस के लिए तैयार हूं. पंचायती राज व्यवस्था में छत्तीसगढ़ सर्वश्रेष्ठ राज्य हैं. चाहे स्वच्छता की बात हो या फिर शिक्षा की या खाद्यान्न सुरक्षा, पंचायत स्तर तक हर दिशा में बेहतर काम छत्तीसगढ़ ने किया है.
इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ का दौरा खत्म कर लौट चुके हैं, फिलहाल पुनिया लखनऊ में हैं. लल्लूराम डाॅट काॅम से फोन पर हुई बातचीत में पुनिया ने मंत्री अजय चंद्राकर की चुनौती पर तो किसी तरह का जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि-
आप इस मामले में पीसीसी से जवाब ले लीजिए. फिलहाल मैं लखनऊ में हूं और जिस व्यक्ति के बारे में आप पूछ रहे हैं, व्यक्तिगत तौर पर मैं उन्हें ठीक ढंग से जानता भी नहीं, लेकिन हां उनकी बदनामी के हिस्से बहुत सून रखे हैं.
मंत्री की चुनौती पर तो पी एल पुनिया का कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस बात की जमकर चर्चा है कि आखिर क्या वजह है कि पी एल पुनिया अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान कुरूद जाना नहीं भूलते. पुनिया अपने पिछले दौरे के दौरान 26 जुलाई को उस वक्त कुरूद पहुंचे थे, जब सरकारी जमीन पर स्थानीय बीजेपी नेता के अतिक्रमण के विरोध में नगर पंचायत के पार्षदों ने अनशन किया था. पुनिया पार्षदों का अनशन खत्म कराने कुरूद पहुंचे थे. राजनीतिक प्रेक्षक बताते हैं कि पुनिया की नजर सतनामी औऱ कुर्मी बहुल इलाकों में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की है, जिसका फायदा आगामी चुनाव में पार्टी को मिल सके.
बहरहाल कुरूद के हंचलपुर में कांग्रेस के पंचायती राज सम्मेलन को लेकर जिस तरह मंत्री अजय चंद्राकर ने पुनिया को खुली चुनौती दी है.
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