मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गरीबों और किसानों के जीवन में खुशहाली लाना शहीद वीर नारायण सिंह का सपना था। हम सबको मिलजुलकर छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाना है, तभी पुरखों का सपना पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी युवाओं को प्राथमिकता से रोजगार देने के लिए राज्य सरकार ने अनेक बड़े कदम उठाए हैं। बस्तर, सरगुजा तथा बिलासपुर संभाग के लिए कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तेंदूपत्ता पारिश्रमिक दर पच्चीस सौ रूपए प्रतिमानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रूपए प्रतिमानक बोरा किया गया है। इससे तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर हाल में किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से धान की खरीदी करेगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, वीरमेला आयोजन समिति के अध्यक्ष व कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी, भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मण्डावी, कोंडागॉव विधायक मोहन मरकाम, बालोद विधायक संगीता सिन्हा, गुण्डरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम सहित सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारीगण स्हित बड़ी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।

वीर मेला परिसर पर सर्व आदिवासी समाज द्वारा आदिम ग्राम संस्कृति विज्ञान सम्मत संरचना को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया था, जिसका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवलोकन किया तथा उसकी सराहना की।