प्रदीप गुप्ता,कबीरधाम। जिले में इन दिनों कवर्धा जनपद में सदस्यों, अध्यक्ष व सीईओ के बीच खीचातानी चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल पूरा मामला 50 लाख रुपए के निर्माण कार्यो की स्वीकृति को लेकर हो रहा है. कहीं न कहीं इस मामले में कमीशन की लड़ाई  सामने आ रही है. जनपद पंचायत अध्यक्ष ज्योति चंद्राकर का आरोप है कि जनपद के सीईओ कुछ सदस्यों के साथ मिलकर गौड़ खनिज की राशि को मनमानी तरह से स्वीकृति दे रहे है. जिसका अध्यक्ष को जानकारी ही नहीं है, ऐसा पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष की जानकारी के बगैर 50 लाख का काम स्वीकृत कर दिया गया है. मामला सामने आने के बाद जनपद अध्यक्ष ने जिला पंचायत सीईओ को निर्माण कार्य की स्वीकृति पर रोक लगाने की मांग की है.

कवर्धा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम सेमा में उत्खनन से प्राप्त राशि को पंचायत व आसपास के गांवों में विकास कार्य में खर्च किया जाना है. उत्खनन से पंचायत को गौड खनिज की एक करोड 79 लाख से अधिक का राजस्व की प्राप्ति हुई थी, इनमें से ज्यादातर राशि आसपास के गांवों में सीसीरोड, स्कूल दिवाल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाडी जैसे अनेक विकास कार्यो में खर्च हो चुका है. इनमें से 50 लाख की राशि बची हुई, जिसके लिए जनपद में सामान्य सभा की बैठक बुलाकर निर्माण कार्याे की स्वीकृति लेनी थी.

अध्यक्ष का आरोप है कि 50 लाख रूप्ये के निर्माण कार्यो के लिए बिना अध्यक्ष की जानकारी के ही कुछ दिनों पहले सदस्यों व सीईओ ने बैठक कर ली तथा 50 लाख के निर्माण कार्या मनमाने तरह से स्वीकृति भी दे दी. जो कि नियम विरूध है.अब इस मामले में जनपद अध्यक्ष कुछ सदस्यों पर भी सीईओ के साथ मिलकर मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं.

इस मामले में जनपद पंचायत अध्यक्ष ज्योति चंद्रकार ने कहा कि जनपद के सीईओ कुछ सदस्यों के साथ मिलकर गौड़ खनिज की राशि को मनमानी तरह से स्वीकृति दे रहे हैं. जिसकी मुझे जानकारी नहीं दी गई.

 

वहीं इस मामले में पन्ना लाल ध्रुव सीईओ ने बताया कि अध्यक्ष को कई बार फोन पर जानकारी दी गई साथ ही सोशल मीडिया में बैठक की सूचना दी गई. इसके बाद भी आरोप लगाना गलत है. सीइओ की माने तो जनपद सदस्यों में आपसी तालमेल ही नहीं बैठ रहा है यही कारण है कि आपसी तालमेल की कमी के कारण विवाद हो रहे है.