मनोज यादव, कोरबा। कई हज़ार शब्दों के मुक़ाबिले बस एक तस्वीर काफ़ी होती है. ऐसा ही एक नजारा शहीद सब इंस्पेक्टर मूलचंद्र कंवर की प्रतिमा पर देखने को मिला. शहीद के गृहग्राम घनाडबरी में स्थापित प्रतिमा पर उनकी एक साल की बेटी का प्यार किसी की भी आंखे नम कर देती है.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सल घटना में शहीद हुए सब इन्सपेक्टर मूलचन्द्र कवंर का आज जन्मदिन है. इस अवसर पर घुटने के बल खड़े होकर मासूम बेटी ने अपने पिता की प्रतिमा से लिपट गई. यह तस्वीर तक़रीबन एक साल की होती बिटिया की है जो शहीद पापा का जन्मदिन मना रही है. घुटनों के बल चलती बिटिया अपने पापा की प्रतिमा के पास पहुंची और प्रतिमा का सहारा लेते खड़ी हुई. मासूम ने पापा की प्रतिमा को गले से लगाया. गालों को छूआ.
यह तस्वीरें जो आपको ठिठका दें, आपकी भावनाओं को स्थिर सा जड़ सा कर दें. आप की आँखों के कोर को नम सा कर दे. यह तस्वीरें वैसी ही हैं. जिसे देखकर वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखों से भी आंसू छलक आए.
यह शहीद सब इंस्पेक्टर मूलचंद्र कंवर की प्रतिमा है जो उनके गृहग्राम घनाडबरी में स्थापित है। शहीद मूलचंद्र कँवर 12 अगस्त 2013 को पुलिस विभाग में शामिल हुए थे. मूलचंद्र की पहली पोस्टिंग ज़िला नारायणपुर थी. शहीद मूलचंद्र ने सघन नक्सल प्रभावित इलाक़े में अदम्य वीरता और उत्साह के साथ काम किया था. कई सफल मुठभेड़ों और हथियारों की बरामदगी का ब्यौरा मूलचंद्र के खाते दर्ज है.