रायपुर। मराठी और हिन्दी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता और थियेटर आर्टिस्ट डॉ. श्रीराम लागू का निधन हो गया है 92 साल की उम्र में उन्होंने पुणे में अंतिम सांस ली. उन्हें मराठी थिएटर का असली नटसम्राट भी कहा जाता था. उनके निधन की ख़बर से बॉलीवुड में शोक की लहर छाई है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डॉ. लागू को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
Dr. Shreeram Lagoo personified versatility and brilliance. Through the years, he enthralled audiences with outstanding performances. His work will be remembered for years to come. Anguished by his demise. Condolences to his admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2019
डॉ. श्रीराम लागू को मराठी और हिन्दी फिल्मों में उनकी चरित्र भूमिकाओं के लिए जाना जाता है. ये एक डॉक्टर भी थे. इन्होंने ईएनटी सर्जरी में डिग्री भी प्राप्त की थी, श्रीराम लागू ने मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया था. इनकी निभाई चरित्र भूमिका इतनी सजीव होती थी कि लोगों के आंखों से आंसू निकल जाते थे. अपने निभाए हर किरदार में वो बखूबी फिट आते थे. उनका फिल्मों से ज्यादा लगाव थियेटर के लिए था.
साठ के दशक में वे पुणे, भारत और ताबोरा, तंजानिया में दवा और सर्जरी का अभ्यास किया था, लेकिन पुणे में प्रोग्रेसिव ड्रामेटिक एसोसिएशन और मुंबई में “रंगायन” के माध्यम से उनकी थिएटर गतिविधि तब भी जारी रही जब वे भारत में थे. अंत में, 1969 में वह मराठी मंच पर पूर्णरुप से एक अभिनेता बन गए. वह प्रसिद्ध मराठी नाटक “नटसम्राट” के पहले नायक थे. उन्हें मराठी थिएटर और सिनेमा में एक विशेष दर्जा मिला है. उन्होंने 100 से अधिक हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया और 40 से अधिक मराठी, हिंदी और गुजराती नाटकों में अभिनय किया था. उन्होंने 20 से अधिक मराठी नाटकों का निर्देशन किया है.
डॉ. श्रीराम लागू को मराठी मंच के सबसे महान अभिनेताओं में से एक माना जाता है. उन्हें हिंदी फ़िल्म घरौंदा के लिए 1978 में फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार और फिल्म 1997 में कालीदास सम्मान, 2006 में सिनेमा और थियेटर में अभूतपूर्व योगदान के लिए मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान से भी नवाजा गया. इनकी पत्नी दीपा लागू भी एक प्रसिद्ध थिएटर, टीवी और फिल्म अभिनेत्री हैं.