सत्या राजपूत, रायपुर-  रेप की बढ़ती घटनाओं के बीच भूपेश सरकार के मंत्री ताम्रध्वज साहू का संस्कारी उपदेश जरा सुनिए. मंत्री कह रहे हैं कि अगर लड़के घर में रहने लग जाएं, तो लड़कियां रातभर घूमेंगी. इससे वह सुरक्षित रहेंगी. संस्कार देने की जरूरत लड़कों को है. यदि लड़की देर रात घर आती है, तो उसे सब डांटते हैं, वहीं जब लड़का बाहर रहता है, कोई सवाल नहीं उठाता. लिहाजा सुधार की जरूरत लड़कों को है. मंत्री के इस बयान के मायने आप खुद ढूंढिए इस सवाल के साथ की लड़कियों को सुरक्षित रखने के उनके इस नजरिए से आप कितने सहमत हैं? आप को यहां बताते चले कि मंत्री ताम्रध्वज साहू सूबे के गृहमंत्री हैं. लाॅ एंड आर्डर की बड़ी जिम्मेदारी उनके मजबूत कंधों पर ही है. 

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर राजभवन के दरबार हाल में आयोजित सबका विकास राष्ट्रीय सम्मेलन में यह संस्कारी उपदेश दिया है. इस सम्मेलन का उद्देश्य महात्मा गांधी की शिक्षा लोगों तक पहुंचाना है. सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि ऐसे आयोजन से राष्ट्र को नई दिशा मिलेगी.

गृहमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि वर्तमान में 21वीं सदी का स्वरूप हमारे संस्कृति के लिए घातक साबित हो रहा है. उदाहरण के रूप में देख लीजिए फटा जीन्स मार्केट में आ जाता है, उसे दूसरे दिन हम सब उसको अपना लेते हैं. संस्कार के बिना धर्म संस्कृति की सुधार नहीं किया जा सकता. वर्तमान शिक्षा पद्धति सिर्फ़ डिग्री दे रही है. नौकरी योग्य बना रही, न कि ज्ञानवान. संस्कार बिना आप कलेक्टर, मंत्री, मुख्यमंत्री बन जाओ, बिना संस्कार यह सब व्यर्थ है. महंगे स्कूलों में शिक्षा देने से ज्यादा संस्कार देने की जरूरत है.

शांति दूत आचार्य लोकेश जी ने कहा कि देश से विश्व से हिंसा को भगाना है शांति राष्ट्रीय का निर्माण है तो यह गांधी शिक्षा उनके विचार से संभव है. राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि संगोष्ठी के माध्यम से समाज को नई दिशा देने कोशिश है. मेरा सौभाग्य है कि मैं एसे कार्यक्रम में शामिल हूं. जिस इंसान अपने मानवीय संवेदना लेकर समाज देश के लिए काम करता है, चाहे कोई भी काम करता है, वो इतिहास बनाता है.

राज्यपाल ने कहा कि जब से मैं राजभवन आई हूं, सभी लोगों के लिए दरवाजे खोल रखी हूं. लोगों में मन में ये भावना थी कि राज्यपाल से नहीं मिला जा सकता, लेकिन आज हर व्यक्ति राजभवन आ रहा है. तभी मुझे पता चला कि यहां के लोग सरल सीधे है. मानवीय संवेदना है. उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचार बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली हैं, अहिंसा के राह पर चलकर देश को आजाद कराया. इस प्रयास से देश अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त करेगा.