नई दिल्ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के 92वें वार्षिक सम्मेलन में ‘इंडिया – रोड मैप टू ए पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ पर आयोजित परिचर्चा में शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने समावेशी विकास पर जोर देते हुए कहा कि 5 ट्रिलियन इकोनॉमी तभी फायदेमंद, जब हर इंसान की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कृषकों को उनकी उपज का लाभप्रद मूल्य देना होगा, जिससे बाजार में मांग में कमी न आए. पशुपालन एवं कृषि क्षेत्र की अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देना होगा. खाद्यान्नों के उपयोग और निराकरण के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने होंगे.

उन्होंने खाद्यान्नों से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने, फूड प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित करने, फूड पार्क की स्थापना, पूंजी अनुदान, ब्याज अनुदान तथा जीएसटी से राहत देने की बात कही. इसके अलावा उन्होने ग्रामोद्योग, लघु वनोपजों के प्रसंस्करण, औषधि पौधों के प्रसंस्करण एवं मार्केटिंग पर जोर देने की आवश्यकता बताई.

बघेल ने उद्योगपतियों को राज्य में उद्योग लगाने का आह्वान करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ की सहयोगात्मक उद्योग नीति है, जिसमें लचीलापन है. प्रदेश की माओवादी समस्या पर उन्होंने कहा कि लोगों का विश्वास जीतने का काम हमने किया है, जिससे समस्या में 50 फीसदी की कमी आई है. गरीबी और कुपोषण दूर करने का साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार मुहैया कराया गया है.

छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार काफी काम कर रही है. इको टूरिस्म, राम वनगमन पथ की कार्ययोजना भी बनाई गई है. बस्तर के साथ ही सरगुजा, कोरिया आदि क्षेत्रों में भी पर्यटन के क्षेत्र में काम किया जा रहा है.