रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि आम जनता ने केंद्र की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों और प्रदेश के नगरीय निकायों में भाजपा राज के कुशासन को ठुकरा दिया है.

आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने पूरे प्रदेश में भाजपा की पराजय सुनिश्चित करने के लिए और कोरबा नगर निगम में माकपा के दो प्रतिनिधियों को विजयी बनाने के लिए आम जनता का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि इन चुनाव नतीजों से भाजपा की कॉर्पोरेटपरस्त और सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी संघर्षों को बल मिलेगा.

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि यह भाजपा राज ही था, जिसने स्थानीय निकायों से उसके वित्तीय संसाधन छीनकर उसे आर्थिक रूप से कमजोर किया था और इस बहाने फिर आम जनता पर करों का अनाप-शनाप बोझ लाद दिया था. आम जनता का यह दुखद अनुभव है कि भाजपा राज में विपक्ष के बहुमत वाली निकायों के साथ भेदभाव बरतने वाली नीतियों के कारण उसे बुनियादी मानवीय सुविधाओं से बड़े पैमाने पर वंचित होना पड़ा था और सभी निकायों को भ्रष्टाचार के अड्डों में तब्दील कर दिया था.

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि ही नहीं थी और उसने स्थानीय निकाय चुनाव में भी मोदी का ही सहारा लिया था. स्थानीय मुद्दों पर बात करने के बजाए उसने नागरिकता कानून और एनआरसी के बहाने हिंदुत्व का सांप्रदायिक कार्ड ही खेलने की कोशिश की, जबकि प्रदेश के एक करोड़ से ज्यादा नागरिकों के पास, जिसमें बहुसंख्यक आदिवासी, दलित, अंतर्राज्यीय आप्रवासी और शरणार्थी शामिल हैं, के पास अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए कोई कागज तक नहीं है. इस प्रदेश की अमनपसंद धर्मनिरपेक्ष जनता ने भाजपा के इस खेल को पूरी तरह ठुकरा दिया है.

माकपा नेता ने कहा है कि कोरबा नगर निकाय में प्रवेश देकर आम जनता ने माकपा पर जो विश्वास व्यक्त किया है, उस पर पार्टी पूरी तरह खरा उतरने की कोशिश करेगी और आम जनता के हितों की रक्षा के लिए, उसे बुनियादी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सड़कों पर चल रहे संघर्ष को निगम के अंदर भी दृढ़तापूर्वक लड़ेगी.