रायपुर। आदिवासियों की संस्कृति में उनके लोक नृत्य और संगीत का सबसे अहम स्थान है. दिनभर की थकान मिटाने, तनाव मुक्त होकर जब आदिवासी अपने पारंपरिक वेशभूषा और साजो-समान के साथ नाचते गाते हैं तो उन्हें देखकर शायद ही ऐसा कोई हो जो बिना थिरके रहे सके. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुआ जब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मंच पर पहुंच गए और नाचने लगे.

महोत्सव में बस्तर के आदिवासियों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा दंडावी माड़िया नृत्य देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे राहुल गांधी को रहा नहीं गया और वे मंच की ओर बढ़ गए. राहुल गांधी को जाते देख उनके पीछे-पीछे छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी बढ़ गए. मंच पर पहुंचते ही राहुल गांधी आदिवासी नर्तक दल के बीच पहुंच गए.

अपने गले में मांदर( ढोलक जैसे दिखवे वाला वाद्य यंत्र) लटका लिए और सिर पर माड़वी गौर सींग( गौर के सींग से बना हुआ सिर में पहने जाने वाली पगड़ी) पहनकर थिरकने लगे. राहुल गांधी आदिवासियों के साथ ताल पर ताल मिला कर मांदर बजाते हुए जमकर नाचने लगे. उन्हें देखकर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और आदिवासी नेता व मंत्री कवासी लखमा भी मांदर बजाते हुए नाचने लगे. वहीं सीएम भूपेश बघेल भी खुद को रोक नहीं सके और वे भी मांदर पर थाप लगाने लगे.

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