रायपुर। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नागरिक संशोधन कानून मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा है. अग्रवाल ने कानून को लेकर कांग्रेस पर भ्रम फैलाने और देश का अशांत करने आरोप लगाया है. अग्रवाल का आरोप है कांग्रेस सत्ता की भूखी होकर देश में अशांति फैलाना चाह रही है.
उन्होने कहा कि नागरिक संशोधन एक्ट (CAA) पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आए वहां के अल्पसंख्यक हिन्दू,बौद्ध, पारसी,जैन शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है. यह कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.कांग्रेस व विपक्ष के लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए मुसलमानों के कंधों का उपयोग कर रहे हैं. वे झूठ फैला रहे हैं कि यह कानून मुसलमानों के हक छीन रहा है, जो कि सरासर गलत और अफवाह है. ऐसा करके विपक्षी शांत भारत देश को अशांत करने पर तुले हुए हैं. ऐसे में देश की जनता को एकजुटता का परिचय देते हुए नागरिक संशोधन कानून का समर्थन कर एकजुटता का परिचय देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू जी ने पाकिस्तान के हिंदू अल्पसंख्यको की चिंता करते हुए उनके सुरक्षा की बात कही थी. पाकिस्तान की राष्ट्रपति लियाकत अली और हमारे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच इस संबंध में बाकायदा समझौता भी हुआ था कि दोनों तरफ के अल्पसंख्यकों भारत में मुसलमान और पाकिस्तान में हिंदुओं की सुरक्षा, उनकी संपत्ति की रक्षा, व देश में बराबरी का अधिकार मिले, परंतु पाकिस्तान में लगातार वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार वह अन्याय होता रहा यही वजह थी कि 23% की वहां की हिंदू आबादी आज ढाई प्रतिशत में तब्दील हो गई है. ऐसे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्र के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सोच के मुताबिक आज पीड़ित शोषित अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत में नागरिकता प्रदान करने का कार्य किया जाना सही कदम है, जो शरणार्थी दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके हैं उन्हें सरकार इस कानून के तहत नागरिकता प्रदान करेगी। ने कहा कि मुसलमानों को इस कानून से अलग से रखा गया है क्योंकि उन देशो में वे बहुसंख्यक है। ऐसे में उनके साथ किसी तरह का धार्मिक उत्पीड़न संभव नही है। हालांकि भारत के अन्य कानून के तहत वहां के अन्य नागरिकों को भी भारत की नागरिकता दी जा सकती है। हमने पाकिस्तानी गायक अदनान सामी, बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन को नागरिकता उसी के तहत दी है.
बृजमोहन ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह घुसपैठियों को भारत में नागरिकता दिलाने का प्रयास कर रही है ताकि वह अपना वोट बैंक मजबूत कर सके. शरणार्थियों को नागरिकता देने का जो कार्य आज केंद्र की मोदी सरकार कर रही है उसके लिए 7 जुलाई 1947 को नेहरु जी ने शुरुआत की थी। 1971 युद्ध के दौरान बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों हिंदुओं को स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने भारत में शरण दी थी. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी इस संबंध में अपनी सहमति जताई थी, परंतु आज स्वार्थ की राजनीति के चलते कांग्रेस पार्टी व कुछ विरोधी दल देश को बांटने में लगे हैं वे भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के मन में भय पैदा करके राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं.