रायपुर। प्रदेश के धान उपार्जन केन्द्रों में खरीफ वर्ष 2019-20 में तीन जनवरी तक 32.83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। राज्य के 8.07 पंजीकृत किसानों द्वारा उक्त धान की खरीदी की गई है। इन किसानों को अभी तक पांच हजार 397 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। पंजीकृत मिलरों द्वारा विभिन्न समितियों से 11.65 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव भी किया गया है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि पंजीकृत मिलरों द्वारा प्रदेश के धान उपार्जन केन्द्रों से अब तक 11.65 लाख मीट्रिक टन धान का कस्टम मिलिंग किया गया है। उपार्जन केन्द्रों में खरीदे गए धान को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त ताल पतरी की व्यवस्था भी की गई है। राज्य के उपार्जन केन्द्रों में अधिकारियों द्वारा सघन निरीक्षण किया जा रहा है और धान खरीदी संबंधी आवश्यक व्यवस्था एवं सुरक्षा और रख-रखाव की समीक्षा की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष में वर्ष 2018-19 की तुलना में दो लाख 67 हजार से अधिक किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया(एफसीआई) द्वारा राज्य का उसना चावल लेना प्रारंभ कर दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार किसानों को धान विक्रय के लिए सहुलियते प्रदान करने तथा बेहतर प्रबंधन का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने खरीफ वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन एवं विक्रय के संबंध में पंजीकृत किसानों की शिकायत, सुझाव एवं पूछताछ के लिए राज्य स्तरीय किसान हेल्पलाइन नम्बर शुरू किया गया है। प्रदेश के पंजीकृत किसान हेल्पलाइन नम्बर 1967 तथा 1800-233-3663 पर जानकारी प्राप्त कर सकते है। साथ ही प्रदेश के जिन जिलों में पुलिस हेल्पलाइन नम्बर 112 संचालित है वहां के किसानों को 112 नंबर पर भी जानकारी लेने, शिकायत करने अथवा सुझाव देने की सुविधा दी गई है। ये सभी हेल्पलाइन नम्बर सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक संचालित होंगे। पंजीकृत किसान अपना पंजीयन बताकर अपनी शिकायत इन नंबरों पर दर्ज करा सकेंगे।