सत्यपाल राजपूत, रायपुर. राज्य के शासकीय चिकित्सालयों का डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में विशेष ध्यान रखा गया है. शासकीय चिकित्सालयों को इस योजना के माध्यम से ट्रस्ट मोड से बजट उपलब्ध कराया जाएगा.
राज्य सरकार की डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना 1 जनवरी से प्रदेश में लागू है और मरीजों को इस योजना से उपचार लाभ भी मिलने लगा है. पूर्ववर्ती सरकार के समय चलने वाली उपचार संबंधी योजनाओं की कमियों को दूर करते हुए वर्तमान सरकार ने नई योजना लागू की है. पूर्व में चलने वाली मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बालहृदय सुरक्षा, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में 180 प्रक्रियाए ऐसी थी, जो शासकीय चिकित्सालयों में भी की जा सकती थी, लेकिन इन प्रक्रियाओं को भी निजी अस्पतालों को दिया गया था. गत वर्षों में साल भर में उपचारित मरीजों के उपचार का भुगतान निजी अस्पतालों को करना पड़ता था.
नए सिरे लागू की गई डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में इन प्रक्रियाओं के पैकेज को शासकीय अस्पतालों के लिए आरक्षित किया गया है. ऐसा करने से शासकीय चिकित्सालयों को एक बड़ा बजट भी मिल सकेगा.
एएसडी, वीएसडी के उपचार में समस्या नहीं
मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना के माध्यम से हृदय में छेद संबंधी (एएसडी, वीएसडी) जैसी बीमारियों का उपचार निजी अनुबधित अस्पतालों में कराया जा रहा था. अब इन दोनों बीमारियों का उपचार मेडिकल कॉलेज रायपुर, एम्स रायपुर, नया रायपुर सत्य साई अस्पताल में होगा. साथ ही खर्च अधिक आने पर मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के माध्यम से पूरी राशि उपचार के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी. पूर्व में पैकेज के अतिरिक्त खर्च आने पर अन्य राज्यों में उपचार की स्थिति में राशि दिलाने में दिक्कत आती थी.
अन्य शासकीय चिकित्सालयों में जल्द ही सुविधा
मेकाहारा के अलावा राज्य के अन्य 6 शासकीय चिकित्सालयों में भी एएसडी, वीएसडी के उपचार की सुविधा राज्य सरकार जल्द उपलब्ध कराने वाली हैं. इसके अलावा डी.के. एस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. इसके बाद इन अस्पतालों में भी एएसडी, वीएसडी का उपचार उपलब्ध रहेगा.
मलेरिया, डायरिया भी जाता था निजी अस्पताल
मलेरिया डायरिया, टाइफाइड टिटनेस जैसी बहुत सी बहुत सी बीमारिया जिनका उपचार शासकीय अस्पताल में आसानी से संभव था, इनका ईलाज भी निजी अस्पतालों में कराया जाता था. जो कि अब शासकीय अस्पतालों में ही संभव होगा.
आपात स्थिति का पूरा ध्यान
राज्य में 1 जनवरी से लागू डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में आपात स्थिति का पूरा ध्यान रखा गया हैं. पैकेजों को शासकीय अस्पतालों के लिए आरक्षित करते समय आपात स्थिति पर पूरा विचार विमर्श कर ही यह निर्णय लिया गया हैं. ऐसा हो जाने से मरीजों को दिक्कत नहीं होगी. शासकीय अस्पतालों के लिए की गई व की जा रहीं आरक्षित बीमारियों में आपात स्थित जैसी बीमारी नहीं के बराबर हैं.