रायपुर. निर्दलियों की परेड के साथ करीब करीब ये साफ हो चुका है कि अगर कुछ अप्रत्याशित न हुआ तो रायपुर का महापौर कांग्रेस का होगा. हालांकि ये बात जितनी तय है, उतना ही अनिश्चितता इस बात को लेकर बरकरार है कि रायपुर का मेयर होगा कौन?
मेयर पद के सभी दावेदारों के साथ रायपुर के कांग्रेस पार्षद दो दिन की छुट्टी पर रवाना हो चुके हैं. रवाना होने से पहले लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने मेयर पद के सभी दावेदारों से सभी खास बातचीत की और विकास के उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश की. इस सवाल का पूछने का मकसद ये था कि क्या ये दावेदार ये समझ रहे हैं कि रायपुर की असल ज़रुरत क्या है. इन दावेदारों में से जो भी महापौर बनेगा वो शहर की सत्ता हासिल करके क्या करेगा.
युवा दावेदार अजीत कुकरेजा का कहना है कि उनकी प्राथमिकता रायपुर के राजस्व में बढ़ोत्तरी करके निगम को आत्मनिर्भर बनाना होगा. लेकिन वे राजस्व बढ़ाएंगे कैसे, इस पर कुकरेजा का कहना है कि हाउसिंग टैक्स और पानी का टैक्स है ही. इसके अलावा वे कुकरेजा का कहना है कि कुछ नवाचार वाली योजनाएं टैक्स बढ़ाने को लेकर आएंगे.
दूसरे युवा दावेदार एजाज ढेबर का कहना है कि रायपुर की बुनियादी समस्याओं से निजात दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. एजाज का कहना है कि आज रायपुर की समस्या है ट्रेफिक. रायपुर की समस्या है आवारा पशु, खुंखार हो चुके आवारा कुत्ते और मच्छर. इनसे निजात दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है. एजाज ने कहा कि जब शहर बुनियादी समस्याओं से उबर जाएगा तो स्मार्ट सिटी की रेस दौड़ेंगे.
लेकिन मौजूदा मेयर प्रमोद दुबे का कहना है कि रायपुर को नंबर वन शहर बनाना उनकी प्राथमिकता है. प्रमोद दुबे ने कहा कि कई बड़े काम समय में उन्होंने समय सीमा में पूरे कराने का रिवाज़ बनवाया है..पहले महापौर के कार्यकाल में एक या दो विकास के कार्य होते थे लेकिन अब उन्होंने कार्यकाल में दर्जनों काम हुए. रायपुर पीने के पानी के मामले में पांचवा स्थान देश भर में हासिल किया..सबसे बड़ी बात कि रायपुर आत्मनिर्भर नगर निगम बना. बिजली का बिल भरने के लिए उसे सरकार से पैसे मांगने की ज़रुरत नहीं पड़ती.
मेयर पद के एक और तगड़े दावेदार अनुभवी पार्षद ज्ञानेश शर्मा हैं. रायपुर को लेकर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में पूछने पर ज्ञानेश का कहना है कि उनकी पहली कोशिश रायपुर की पहचान के साथ स्वच्छता को जोड़ने की रहेगी. ज्ञानेश का कहना है कि लोग रायपुर का नाम लें तो उनके ज़ेहन में स्वच्छता आए. उन्होंने कहा कि जनता की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में सतत प्रयास किया जाएगा. सारी योजनाओं को सरकार के साथ मिलकर पूरी ताकत लगा देंगे. सरकार की अपेक्षाओं को कैसे पूरा करना है, उन्हें मालूम है.
ज्ञानेश की तरह श्रीकुमार मेनन भी वरिष्ठ पार्षद हैं. वे भी मेयर पद के तगड़े दावेदार माने जा रहे हैं. श्रीकुमार का कहना है कि उनकी प्राथमिकता रायपुर के तामपान को दो डिग्री तक कम करना है. श्रीकुमार मेनन ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से रायपुर गर्म होता हुआ शहर है. जिसे कम करना बड़ी ज़रुरत है. उन्होंने कहा कि रायपुर का तामपान कम करने में दो से तीन साल लगेंगे. मेनन इसके अलावा मच्छरों से निजात दिलाने के लिए एक्शन प्लान बनाने के पक्ष में हैं. इसके अलावा बिजली, पानी, सड़क की समस्याओं के समाधान में लगने वाला समय करना ज़रुरी है. नागरिकों के काम तयसीमा में हो इस दिशा में नीति और दिशानिर्देश बनाने होंगे. मेनन ने निगम में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने को भी बड़ी ज़रुरत करार दिया है.