रायपुर. संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने 1 सूत्रीय संपूर्ण संविलियन की मांग को लेकर आज पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की और आने वाले बजट सत्र में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का निर्णय लेने की मांग रखी. शिक्षाकर्मियों ने पंचायत मंत्री को बताया कि प्रदेश में संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों की दुर्दशा दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही है न तो उन्हें समय पर वेतन मिल रहा है, न बीते 3 साल से उन्हें महंगाई भत्ता मिला है, न ही उनके लिए स्थानांतरण और अनुकंपा की व्यवस्था है. ऐसे में शिक्षाकर्मी लगातार समस्याओं से जूझ रहे हैं, यहां तक कि कई जिलों में नवंबर का वेतन तक नहीं मिला है और इन सब समस्याओं का एकमात्र हल शिक्षाकर्मियों का संविलियन ही है.

शिक्षाकर्मियों ने मंत्री सिंहदेव को बताया कि प्रदेश में अब जनवरी के बाद संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों की संख्या महज 15-16 हजार है, जिनका सरकार आसानी से संविलियन कर सकती है और इसके लिए अब बजट भी कम लगेगा और घोषणा-पत्र में भी इस विषय का स्पष्ट तौर पर उल्लेख है. शिक्षाकर्मियों की बात सुनने के बाद मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह अपनी तरफ से पूरा प्रयास करेंगे कि इस बजट में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का निर्णय हो जाए, इसके लिए उन्होंने खुद प्रयास करने की बात कही. साथ ही उन्होंने माना कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग जायज है और इस पर जल्द निर्णय होना चाहिए. नवंबर से लंबित वेतन और महंगाई भत्ते के लिए उन्होंने अधिकारियों को फोन करके तत्काल निर्देशित भी किया.

संविलियन अधिकार मंच की तरफ से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में विवेक दुबे, प्रदीप पांडेय, विनय मौर्य, योगेश पांडेय, डैनी वर्मा, विजय कुमार बघेल, सुरेंद्र दीवान, शिव शंकर साय, यशवंत चंद्राकर, ज्योति चंद्रवंशी, राधिका, बद्रीका भोई, महेंद्र कुमार चंद्राकर, ईश्वर कुमार व चंचल द्विवेदी शामिल थे.