रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की ओर से गठित किए गए साफू का असर दिख रहा है. साफू अर्थात स्टेट एंटी फ्राड यूनिट. इसके तहत अस्पातलों में होने वाली धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई की जारी है. बीते 6 महीने में इस मामले में 6 अस्पातलों पर जुर्माना लगाया गया है. उन अस्पातलों से 40 लाख की वसूली भी गई है. वहीं एक अस्पताल को बर्खास्त भी किया गया है, जबकि दो डाक्टरों पर 80 लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है.
सजा के पैरामीटर
अस्पतालों द्वारा अतिरिक्त राषि लिया जाना, अनावष्यक उपचार देना (राषि के लालच में), बिना जरूरत के उपचार लाभ देना, गुणवत्तायुक्त उपचार न देना यह पाॅच पैरामीटर राज्य नोडल एजेंसी द्वारा तय किये गये है। षिकायत मिलने पर इन पैरामीटरों में परीक्षण कर कार्यवाही की जाती है।
चालीस लाख वसूल, अस्सी लाख का नोटिस
तय पैरामीटरों के तहत् कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है। अभी तक तय दिशा-निर्देश के विरूद्ध काम करने वाले छह अस्पतलों के खिलाफ अर्थदण्ड कर राशि भी वसूल की जा चुकी है। इन अस्पतालों ने 40 लाख रूपये से अधिक राषि राज्य नोडल एजेंसी के खाते में जमा भी करा दी है। इसके अलावा दो दन्त चिकित्सालयों को 80 लाख रूपये राशि जमा करने के लिए नोटिस भेजा जा चुका है। गलती पाये जाने पर छह अस्पतालों को निलंबित किया गया और तीन को अपील करने पर सुनवाई के बाद फिर से योजनाओं में काम करने का मौका दिया गया है। महासमुन्द जिले में स्थित एक अस्पताल को योजनाओं से बर्खास्त किया जा चुका है।
अर्थदण्ड, निलंबन, बर्खास्तगी का प्रावधान
मरीजों के साथ अलग-अलग मापदण्डों में धोखाधडी करने वाले अस्पतालों के विरूद्ध नियमों के अनुसार कार्यवाही के अलग-अलग प्रावधान है। तय नियमों के अनुसार परिस्थतियाॅ देखकर तकनीकि समिति से विचार-विमर्ष कर अर्थदण्ड, निलंबन और बर्खास्तगी भी की जाती है। कई स्थितियों में अनुबंधित अस्पतालों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है।