रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहली बार राज्यपाल का अभिभाषण दो सत्रों में समाहित किया जाएगा. विशेष सत्र में जहां संक्षिप्त अभिभाषण होगा, वहीं बजट सत्र के दौरान विस्तृत अभिभाषण होगा. दरअसल यह परिस्थिति 16 जनवरी को होने जा रहे विशेष सत्र की वजह से बनी है, जिसमें अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए संवैधानिक व्यवस्था के तहत दिए गए आरक्षण की समयावधि बढ़ाए जाने के केंद्र के प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया जाना है.
केंद्र की इस अनुशंसा को पचास फीसदी राज्यों का समर्थन चाहिए, हालांकि संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत यह समर्थन दिया जा चुका है, चूंकि आरक्षण के लिहाज से छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण राज्य है, जहां 32 फीसदी आदिवासी और 12 फीसदी अनुसूचित जाति की आबादी है, लिहाजा भूपेश सरकार ने राज्य विधानसभा में भी इस प्रस्ताव का समर्थन किए जाने का निर्णय़ लिया है. सरकार के अनुरोध पर ही एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जा रहा है. सत्र की प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो गई है. एक-दो दिनों के भीतर इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
सत्र की तैयारियों को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में एक अहम बैठक भी बुलाई गई थी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य सचिव आर पी मंडल, प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, संसदीय कार्य विभाग के सचिव सोनमणि बोरा और विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े मौजूद थे. इस बैठक में भी राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर चर्चा हुई. अधिकारियों ने बताया कि राज्य गठन के बाद से अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए साल के पहले सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण कराए जाने की परंपरा रही है. अभिभाषण को लेकर उहापोह की स्थिति के बीच यह रास्ता निकाला गया है कि विशेष सत्र में राज्यपाल का संक्षिप्त और बजट सत्र में विस्तृत अभिभाषण कराया जाए.