दिल्ली/रायपुर। जेएनयू हिंसा मामले में निजी समाचार चैनल आज तक ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए बड़ा खुलासा किया है. आज तक के मुताबिक उन्होंने हिंसा में शामिल नाकाबपोशों का स्टिंग किया है. इस स्टिंग में नाकाबपोशों ने बताया कि जेएनयू हिंसा में उनकी भूमिका थी.

निजी टीवी न्यूज चैनल के मुताबिक हिंसा फैलाने वालों ने खुद हिंसा किए जाने की बात को स्वीकार किया है. उन्होने को एबीवीपी कार्यकर्ता बताया. हिंसा में शामिल अक्षत अवस्थी ने दावा किया है कि वे इस हिंसा में शामिल था. अक्षत ने खुद को एबीवीपी का कार्यकर्ता बताया है. अक्षत का कहना है कि हमले के दौरान अक्षत ने हेलमेट पहना था. उसने बताया कि 20 लोग जेएनयू के और 20 बाहर से बुलाए गए थे.

अक्षत यह भी बताता है कि व जेएनयू में बीए फ्रेंच फर्स्ट ईयर का छात्र है. वह कहता है कि उसके हाथ में डंडा था और कई लोगों को उसने पीटा. अक्षत के मुताबिक पहले पेरियार में हमला हुआ. उसके बाद वहां से लोग साबरमती हॉस्टल की तरफ भागे. तब साबरमती में भी हमला किया गया. लेफ्ट छात्रों को अंदाजा भी नहीं था कि एबीवीपी पलटवार करेगा.

अक्षत यह भी स्वीकार करता है कि  हॉस्टल में उसने कई लड़कों को पीटा. अक्षत ने बताया कि उसने एबीवीपी के संगठन के सचिव को फोन किया. वो दोस्त है. उसके साथ पूरी प्लानिंग की.

साथ ही अक्षत ने कहा कि लोगों की जुटाने का काम उसका ही था. उसने ही सभी की लामबंदी की. अक्षत ने बताया कि उसने पूरे प्रकरण को सेनापति की तरह हैंडल किया.

एबीवीपी की नेशनल जनरल सेक्रेटरी का इनकार

वहीं आज तक स्टिंग ऑपरेशन के मामले में एबीवीपी की नेशनल जनरल सेक्रेटरी निधि त्रिपाठी और भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय से भी बातचीत की है. निधि का कहना है कि अक्षत अवस्थी एबीवीपी की किसी जिम्मेदारी को नहीं निभा रहा है. वो एबीवीपी के किसी भी दायित्व पर नहीं है. सिर्फ एबीवीपी का बता देने से ही कोई एबीवीपी का नहीं हो जाता है. वहीं  बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय का कहना है कि इस मामले में पुलिस जांच कर रही है. साथ ही मालवीय ने खुलासे के बाद इनका एबीवीपी से जुड़े होने की बात पर इनकार किया.

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