रायपुर। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना अंतर्गत राज्य की विगत एक वर्ष की उपलब्धि को देखते हुये भारत सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग द्वारा PMGSY-III योजना के क्रियान्वयन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य का चयन करते 2290 करोड़ की पहली मंजूरी दी है। राज्य सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री टीएस सिंहदेव के लिए यह बेहद खुशी है की बात है कि उनके विभाग की ओर से बीते 1 साल में बेहतर काम हुआ जिसका असर है कि भारत सरकार ने सबसे पहले राज्य के तौर पर छत्तीसगढ़ को चुना है.
टीएस सिंहदेव ने इस उपल्बधि का श्रेय पूरे विभाग को दिया है. उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने जनता के मंशानुरूप कार्ययोजनाओं पर समय-सीमा में बेहतर कार्य किया है. इसी का परिणाम है कि भारत सरकार न सिर्फ हमारी मांग को स्वीकृति दी है कि बल्कि पहली स्वीकृित के लिए छत्तीसगढ़ राज्य का चयन किया.
आपको बता दे कि PMGSY-III योजना हेतु भारत सरकार, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिनांक 14 अगस्त, 2019 को दिशा-निर्देश जारी किया गया, जिसके तत्काल पश्चात् राज्य में युद्धस्तर पर योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देशानुसार विभिन्न चरणों में जिसमें बसाहटों की जनसंख्या 2011 के आधार पर OMMAS में अद्यतन कर GEO Referenced Photo की प्रविष्टी की गयी तथा DRRP में शामिल सभी सड़कों को GIS Platform पर विकासखण्डवार Digitize किया गया। इसके पश्चात् Trace Map Generate कर Candidate Road तैयार किया गया एवं धरातल की स्थिति (Pavement Condition Index) की GEO Tagged Photograph के साथ Online प्रविष्टी कर प्राथमिकता सूची तैयार कर प्रस्तावित सड़कों के सर्वेक्षण उपरांत डी.पी.आर. तैयार कर राज्य तकनीकी एजेंसी (STA) से अनुमोदन प्राप्त किया गया।
इस प्रकार से वृहद स्तर पर उपरोक्त कार्यों को अल्प समय में संपादित कर 355 सड़कें, लंबाई 3729 किमी. का उन्नयन एवं 10 वृहद पुल इस प्रकार कुल लागत रु. 2290 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु भारत सरकार, ग्रामीण विकास विभाग को प्रस्तुत की गयी, जिसकी स्वीकृति हेतु सशक्त समिति की बैठक दिनांक 18 दिसम्बर, 2019 को संपन्न हुयी, जिसमें प्रस्ताव पर चर्चा उपरांत दिनांक 10 जनवरी, 2020 को रु. 2290 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई. इन सड़कों का निर्माण Green Technology अंतर्गत waste Plastic का उपयोग करते हुये किया जायेगा, जो पर्यावरण के संरक्षण में सहायक होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य के अतिरिक्त मध्यप्रदेश राज्य द्वारा मात्र 1440 किमी. लंबाई तथा आंध्रप्रदेश राज्य द्वारा मात्र 150 किमी. लंबाई की सड़कों का प्रस्ताव उक्त अवधि में तैयार कर स्वीकृति हेतु भारत सरकार, ग्रामीण विकास विभाग में प्रस्तुत किया गया। किन्तु उनके प्रस्तावों में अनेक कमियों के कारण भारत सरकार द्वारा अबतक स्वीकृति नही दी गयी है।
छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण अंतर्गत विभिन्न जिलों में पदस्थ अमलों द्वारा मात्र 04 माह के सतत् प्रयास के परिणामस्वरुप ही यह उपलब्धि प्राप्त हुयी। इन सड़कों के निर्माण से सुदुर ग्रामीण अंचलों के निवासियों को आवागमन में सुगमता प्राप्त होगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री आलोक कटियार, द्वारा बताया गया कि तत्काल राज्य शासन से अनुमति प्राप्त कर निविदा लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष तक कार्य पूर्ण किया जा सकें।