लोकेश साहू, धमतरी। पासबुक में फर्जी दस्तखत और फोटो चस्पा कर बैंक से राशि आहरण करने के मामले में देना बैंक नगरी के कैशियर और अकाउंटेंट समेत पांच बैंक कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पुलिस ने दर्ज किया है. इससे पहले कि इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर पाती उससे पहले ही सभी फरार हो गये. फरार आरोपियों की तलाश पुलिस की टीम जुटी हुई है.

दरअसल कुछ माह पहले ग्राम गेदरा के ग्रामीणों ने देना बैंक नगरी के अपने खाते से रकम गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी. ग्रामीणों की शिकायत पर नगरी पुलिस ने मामले में जाँच पड़ताल शुरू की. प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने फर्जी दस्तखत कर 67 हजार रुपये आहरण करने वाले दो आरोपी महेन्द्र नेताम और विजय नेताम को तीन माह पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. चूँकि मामले में देना बैंक नगरी से जुड़े कर्मचारियों की संलिप्तता की भी बात सामने आ रही थी, लिहाजा पुलिस ने बारीकी के साथ जांच पड़ताल की. जाँच के बाद पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि प्रकरण में सह आरोपी के तौर पर पाँच बैंक कर्मी, कैशियर दिनुराम ध्रुव 53 वर्ष, अकाउंटेट अशोक कुमार परमानी 56 वर्ष, त्रिलोक सिंह भूआर्य 36 वर्ष, मनोज कुमार, तेजप्रकाश और अरविन्द साहू भी शामिल है. इन सभी के खिलाफ धारा 420, 467, 468(A) 471 ,120(B) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस की माने तो अपराध दर्ज होने के बाद तीन सह आरोपी बैंककर्मी फरार हैं, जबकि दो सह आरोपी तेजप्रकाश और अरविन्द साहू का तबादला दूसरी जगह हो चुका है. नगरी एसआई अनंत नाग के मुताबिक आरोपियों ने मिलकर तकरीबन 14 से 15 बार विड्रॉल फॉर्म भरकर राशि का आहरण किया था, जिसमे त्रिलोक सिंह भुआर्य द्वारा एक बार भुगतान किया गया, बाकी का भुगतान कैशियर दिनुराम ध्रुव द्वारा किया गया. पुलिस ने इस पूरे मामले में चार पासबुक भी जब्त किया है.सभी पास बुक में एक ही व्यक्ति आरोपी महेन्द्र नेताम का फोटो चस्पा है.

प्रबंधक ने कहा कोर्ट में रखेंगे पक्ष

इधर देना बैंक प्रबंधक नगरी का कहना है कि पुलिस ने उन्हें बताया कि इस मामले में बैंक के 6 कर्मचारी संलिप्त हैं. अपराध दर्ज होना और अपराधी होना दोनों अलग अलग बात है. बैंक के कर्मचारी भी प्रकिया पूर्वक न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे. दो कर्मचारियों का तबादला हो चुका है, जबकि बाकि कर्मचारी शनिवार से छुट्टी पर हैं.

सह आरोपियों की छुट्टी को लेकर उठ रहे सवाल

थाना में अपराध दर्ज होने के बाद एक साथ तीन सह आरोपी कर्मचारियों की छुट्टी पर जाने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. बैंक का कामकाज प्रभावित ना हो इसके लिये गरियाबंद से एक कर्मचारी को नगरी बुलाया गया है. अब देखना लाजमी होगा कि कब तक पुलिस को फरार सभी सह आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिलती है.