रायपुर। पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के कान, नाक, गला रोग विभाग के अंतर्गत संचालित बी. एस. एल. पी. पाठ्यक्रम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कन्टीन्युंइग रिहेबिलिटेशन एजुकेशन (सी. आर. ई.) ” के अंतिम दिन शनिवार को ”ऑटिज्म स्पैक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी)“ पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया। तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम का विषय ”मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी फार ऑटिज्म स्पैक्ट्रम डिसआर्डर“ था। आज अंतिम दिन इसके वैज्ञानिक सत्र में बी. एस. एल. पी. की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रोशनी पिल्लई ने “ऑडिटरी फंक्शन एंड हियरिंग सेंसीटिविटी इश्यूज इन चिल्ड्रन विद ए. एस. डी.” के बारे में बताया।
एम्स भुवनेश्वर से आये वेंकट रमन पृष्टि ने “ए. ए. सी. – ए. न्यू डाइमेंशन विद ए. एस. डी.” के बारे में बताते हुए आटिस्टिक बच्चों के सम्प्रेषण के लिये “ऑगमेंटेटिव अल्टरनेटिव कम्युनिकेशन” का चुनाव या चयन कैसे करें इसकी जानकारी दी और ए. ए. सी. डिवाइस का प्रयोग कैसे करें यह प्रैक्टिकल करके बताया। डॉ. रूबेन जेबराज ने “काउंसलिंग पेरेंट्स ऑफ चिल्ड्रन विद ए. एस. डी.” के बारे में जानकारी देते हुए इसके निदान के तरीकों के बारे में बताया।
तीन दिन तक चले इस शैक्षणिक कार्यक्रम में प्रो. एस. पी. गोस्वामी, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट टी. सी. पी. डी. आइस मैसूर, पीडियाट्रिशियन डॉ. कनक रामनानी, डॉ. सीमी श्रीवास्तव जैसे विशेषज्ञों ने ऑटिज्म पर व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में नाक, कान, गला रोग विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा, डॉ. वर्षा मुंगुंटवार, डॉ. अजीत डहरवाल, डॉ. सुनील रामनानी, बी. एस. एल. पी. विभाग की प्रो. प्रेमा देवी, नेहा वर्मा समेत काफी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।