रायपुर। छत्तीसगढ़ के हितों पर सीमेंट कंपनियों की मनमानी भारी पड़ सकती है ! क्योंकि जो जानकारी सूत्रों के हवाले से निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक प्रति बोरी दाम में भारी वृद्धि हो रही है. सीमेंट के दाम में भारी बढ़ोत्तरी 27 जनवरी तक संभव है. हालांकि इस पर अभी न कंपनियों की ओर से कोई कुछ बोलने को तैयार न ही सरकार की तरफ से. लेकिन हमारे सूत्र बताते हैं कि सीमेंट कंपनियों ने सरकार के साथ बैठक कर दाम बढ़ाने की तैयारी कर ली है !
जानकार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहाँ खनिज संपदा भरपूर है, जहाँ पर सस्ते दरों पर सीमेंट कंपनियों को खदानें उपल्बध है, जहाँ लीज भी असानी से कंपनियों को मिल जाती है, वहाँ पर सीमेंट कंपनी अपनी मनमानी करते हुए जब चाहे तब दाम में वृद्ध दबाव बनवा कर करवा लेती हैं. सीमेंटे कंपनियों की ओर से जिस तरीके साल-दर-साल की जाती रही वृद्धि को देखें तो पता चलता है कि यहाँ कंपनी राज्य के निवासियों के हितों को दरकिनार उन्हें मंहगाई के बोझ से दबाने में जुटी रही है.
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के समय सीमेंट के दाम प्रति बोरी 100 रुपये से कम थी. 2003 के समय 99 रुपये प्रति बोरी थी. लेकिन जैसे ही 2004 में भाजपा की सरकार बनी सीमेंट के दाम में भारी बढ़ोत्तरी हुई और 120 रुपये बोरी पहुँच गया था. इसके बाद 2005 में 155 रुपये बोरी तक दाम पहुँच गया. 2006 में तो सीमेंट कंपनियों ने ऐसा रेट सरकार के साथ मिलकर तय किया कि आंकड़ा 200 रुपये के पार पहुँच गया. मतलब महज 3 साल में 100 रुपये तक वृद्धि हो चुकी थी.
इसके बाद तो 2008 में सीमेंट कंपनियों की तूती सरकार के आगे बोलती रही है और दाम 250 से 300 रुपये तक पहुँचा दिया. जनता को जब एहसास हुआ कि सीमेंट के दाम बेहताशा बढ़ाए जा रहे हैं, तो इसका कड़ा विरोध शुरू हुआ है. आरोप सीधे तौर पर तत्कालीन रमन सरकार पर लगे. आरोप था कि सीमेंट कंपनियों के साथ सांगठगांठ कर सरकार दाम बढ़ाए जा रही है. हालांकि इस विरोध को दरकिनार सरकार कंपनियों की बात मानती रही और दाम 325 रुपये बोरी तक पहुँच गया. इस बीच कभी कम तो कभी ज्यादा के साथ सीमेंट के दाम 325 से रुपये से ज्यादा तो नहीं हुआ लेकिन कंपनियों की मनमानी बराबर जारी है. बीच में वैश्विक मंदी छाई तो सीमेंट के दाम घटकर 250 रुपये तक पहुँच गया.
इस बीच दिसंबर 2018 में बीजेपी की सरकार जाने और कांग्रेस की सरकार आने के बाद सीमेंट के दाम बढ़ाने की तैयारी कंपनियों ने कर ली थी. लेकिन नई सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई. किंतू अब अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि सीमेंट कंपनियों के बीच सरकार के साथ बातचीत पूरी हो गई है. दाम में भारी वृद्धि को लेकर सहमति बन गई है. पूरी संभावना है कि 27 जनवरी को सीमेंट के दाम में भारी वृद्धि हो सकती है. मतलब जनता के जेब में कटौती की तैयारी हो चुकी है. एक बार फिर सीमेंट के दाम बढ़ने के साथ मंहगाई की मार जनता को सहनी पड़ेगी.