सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। प्रेस क्लब में ऑक्सफैम इंडिया द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया था. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 2020 के रिपोर्ट पेश किये गए. ऑक्सफैम इंडिया के द्वारा ग्लोबल लेवल पर रिपोर्ट बनाया है इस साल का विषय है ‘’अब तो चिंता करें’.’ एक दिवसीय आयोजित वर्कशॉप में महिलाओं के काम को किस तरह से सही दिशा पर लेकर जाए और उनके कामों को नए एंगल की ओर ले जाने को लेकर विचार किया गया.
इस साल की रिपोर्ट में यह फर्क है कि पूरी दुनिया में 22 ऐसे अरबपति हैं जिनकी पूरी संपत्ति अफ़्रीका की पूरी महिलाओं से भी ज्यादा है, यदि भारत की बात कि जाए तो 63 अरबपति ऐसे हैं जिनकी संपत्ति भारत सरकार के राष्ट्रीय बजट से भी ज्यादा है.
इस मौके पर ऑक्सफैम इंडिया द्वारा वैश्विक असमानता रिपोर्ट “अब तो चिंता करो” का विमोचन भी किया गया. इस वर्ष की रिपोर्ट जो पहले दावोस में लांच की गई थी. महिलाओं के अवैतनिक देखभाल कार्य और वैश्विक असमानता के संकट पर प्रकाश डालती है.
असमानता का असर महिलाओं और लड़कियों पर जो खास तौर पर सीमांत तबकों से हैं उन पर ज्यादा पड़ता है. उन महिलाओं का घरेलू और बाहरी दुनिया में जो योगदान है उसे मान्यता नहीं दी जाती है. अवैतनिक देखभाल का कार्य ऐसा काम है जो छिपा हुआ इंजिन है जो हमारी अर्थव्यवस्था, कारोबार और समाजों के पहिये को गति देता है.
महिलाएं वेतनभोगी देखभाल कामगारों का भी दो तिहाई है, उनके लिए काम का वातावरण अनुकूल नहीं है और उन्हे अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इस रिपोर्ट के माध्यम से संस्थान ने सरकार से आग्रह किया गया है कि वे एक मानवीय अर्थव्यवस्था का निर्माण करें जो महिलाओं के अधिकारों को भी तवज्जो देती हो. समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में भाग लिया.