रायपुर. कारोबारी प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से रायपुर पुलिस ने सकुशल छुड़ा लिए हैं. पुलिस उन्हें बुधवार देर रात को रायपुर लेकर आई. इस मामले की जानकारी खुद डीजीपी डीएम अवस्थी ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. उन्होंने बताया कि 13 दिन के भीतर चौकी सिलतरा क्षेत्र से अपहृत कारोबारी प्रवीण सोमानी को बिहार के कुख्यात अपहरण गिरोह से सकुशल बरामद किया गया. गिरोह के दो सदस्य को भी गिरफ्तार किया गया.
8 जनवरी को चौकी सिलतरा क्षेत्र से कारोबारी प्रवीण सोमानी का अपहरण हुआ था. अपने प्लांट से घर जाने के बीच में अज्ञात आरोपियों ने कारोबारी का अपहरण लिया था. अपहरण के बाद से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 6 से अधिक टीमों का गठन किया गया था. आसपास लगे सी.सी.टी.व्ही. फुटेज के अध्ययन से अपहरण की पुष्टि हुई थी एवं घटना में प्रयुक्त 2 अज्ञात वाहनों के संबंध में जानकारी मिली थी.
आरोपियों ने घटना से पूर्व 3 माह तक रेकी कर अपहरण की तैयारी किया था. पूर्व में भी आरोपियों द्वारा अपहरण की बहुत सी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है.आरोपियों के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर टीमें ओडिशा, गुजरात, बिहार एवं उत्तर प्रदेश रवाना की गई थी. टीमों द्वारा ओडिशा, गुजरात, बिहार एवं उत्तर प्रदेश में जाकर कैम्प करते हुये आरोपियों के संबंध में जानकारी एकत्र प्रारंभ किया गया. आरोपियों द्वारा घटना करने के लिये फर्जी गाड़ी नंबरों का उपयोग किया था. गिरोह के सभी सदस्य अलग – अलग राज्यों के निवासी है.
प्रार्थी ललित सोमानी पिता स्व0 गौरीशंकर सोमानी उम्र 53 साल साकिन मालवीय नगर थाना मोहन नगर जिला दुर्ग ने थाना धरसींवा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसका छोटा भाई प्रवीण सोमानी पिता स्व0 विजयशंकर सोमानी 46 साल निवासी जयश्री मरलीन मंडी गेट थाना पंडरी जिला रायपुर जो 8 जनवरी को शाम 6 बजे अपनी लाल रंग की कार रेंज रोव्हर क्रमांक सी0जी0 10 ए0एल0 9637 से अपनी कंपनी सोमानी फैक्ट्री सिलतरा थाना धरसींवा जिला रायपुर से घर के लिये निकला है. जो अभी तक घर वापस नही आया हैं. जिसकी अंतिम बार सोमानी फैक्ट्री सिलतरा के स्टाफ के लोग देखे हैं. छोटा भाई प्रवीण की पता तलाश आसपास एवं रिश्तेदारो मे किये पता नही चला. जिस पर थाना धरसींवा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया.
घटना की गंभीरता को देखते हुये पुलिस महानिदेशक, छ.ग डी.एम. अवस्थी द्वारा पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर आनंद छाबड़ा एवं उप पुलिस महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख को अपने नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर अपहृत कोराबारी को छुड़ाने एवं आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये. जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर आरिफ शेख द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, क्राईम पंकज चन्द्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तारकेश्वर पटेल, नगर पुलिस अधीक्षक उरला अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक नसर सिद्धकी को सम्मिलित करते हुये स्वयं केे नेतृत्व में 60 सदस्यीय विशेष टीम का गठन कर प्रकरण की विवेचना प्रारंभ की गई.
आरोपियों की गिरफ्तारी एवं अपहृत को छुडाने में लगी विशेष टीम द्वारा सर्वप्रथम घटना स्थल जाकर निरीक्षण किया गया एवं अलग – अलग कार्य हेतु टीमों का अलग – अलग गठन कर कार्य विभाजन किया गया. 8 अलग – अलग टीमें बनाकर टीमों को सी.सी.टी.व्ही. फुटेज संग्रहण, तकनीकी विश्लेषण, कारोबारी के संबंध में स्थानीय जानकारी एकत्रित करने सहित अन्य कार्यो में लगाया गया. सी.सी.टी.व्ही. फुटेज संग्रहण में लगी टीम को घटना स्थल पर दो संदिग्ध वाहनों का फुटेज प्राप्त होने पर वाहनों का आने जाने का रूट निर्धारण हेतु बिलासपुर दिशा की ओर रवाना किया गया.
टीम 1500 किलो मीटर से अधिक दूरी का सी.सी.टी.व्ही. फुटेज संग्रहण करते हुये प्रतापगढ़ (उ.प्र.) तक पहुंच गई जिस पर पुनः एक टीम उ.प्र. रवाना की गई. तकनीकी विश्लेषण में लगी टीम को कुछ संदिग्ध नंबर प्राप्त होने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तारकेश्वर पटेल एवं नगर पुलिस अधीक्षक उरला अभिषेक माहेश्वरी के नेतृत्व में बिहार रवाना की गई साथ ही एक टीम नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक नसर सिद्धकी के नेतृत्व में गुजरात एवं एक टीम उड़ीसा के लिये भी रवाना किया गया. सभी टीमें प्राप्त सूचना व जानकारी के आधार पर अलग – अलग राज्यों में काम कर रही थी जिसकी माॅनिटरिंग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर आरिफ शेख स्वयं कर रहे थे एवं सभी टीमों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर टीम द्वारा दोंदेकला निवासी अनिल चैधरी जो कि मूलतः बिहार का निवासी है से पूछताछ प्रारंभ किया गया.
अनिल चौधरी से प्राप्त जानकारी एवं तकनीकी साक्ष्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर बिहार में लगी टीम द्वारा गौरव कुमार उर्फ पप्पू चैधरी जो कि पूर्व में हिंगोरा अपहरण काण्ड का आरोपी भी रह चुका है एवं चंदन सोनार गिरोह से संबंधित है के संबंध में जानकारी एकत्रित करना प्रारंभ किया गया. टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि पप्पू चौधरी वैशाली जिले के बीहड़ क्षेत्र गंगा नदी के दीयरा किनारे स्थित ग्राम मथुरा गोकुला थाना बीदूपुर का निवासी है एवं बिहार पुलिस द्वारा भी उस पर 50 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया है.
उसके द्वारा ही अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर उपरोक्त अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया है. जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ एच शेख स्वयं पटना बिहार पहुंचकर टीम का नेतृत्व किया एवं बिहार पुलिस की एस.टी.एफ. के साथ मिलकर बीहड़ दीयरा क्षेत्र में सर्च आपरेशन प्रारंभ किया गया एवं दीयरा के 100 किलो मीटर क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में सर्च कार्यवाही की गई, किंतु गिरोह का सरगना पप्पू चौधरी वहां से फरार हो चुका था.
टीम को गिरोह के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर बिहार की टीम को उ.प्र. रवाना किया गया एवं एक अन्य टीम को उड़ीसा के गंजाम रवाना किया गया. गंजाम उडीसा की टीम द्वारा उ.प्र. रवाना हुई टीम से प्राप्त जानकारी के आधार पर मुन्ना नाहक निवासी गंजाम को हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारंभ किया गया एवं प्राप्त जानकारी के आधार पर उ.प्र. के अम्बेड़कर नगर जिले के अलग – अलग ग्रामों में रेड कार्यवाही की गई एवं गिरोह द्वारा अपहृत को रखें गये स्थान की पहचान सुनिश्चित की जाकर देर रात्रि में ही दबिश दी गई. टीम द्वारा अपहृत को रखें गये स्थान पर रेड करने से कुछ समय पूर्व ही आरोपी अपहृत को लेकर वहां से निकल चुके थे जिस पर टीम द्वारा उनका पीछा प्रारंभ किया गया, जिससे आरोपी अपहृत को सूनसान स्थान पर छोड़कर फरार हो गये, जिससे टीम द्वारा अपहृत को अपने कब्जे में लिया गया.
सभी अपहृत गिरोह में मूलतः उडीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात के लोग सम्मिलित है जिनकी पहचान पूरी तरह सुनिश्चित कर ली गई है एवं शीघ्र ही इनकी गिरफ्तारी कर ली जायेगी. आरोपियों को गिरफ्तार करने एवं अपहृत को छुडाने में रायपुर पुलिस के 60 से अधिक अधिकारी/कर्मचारी एवं 10 से अधिक तकनीकी प्रशिक्षित लोगों को लगाया गया था. टीम द्वारा 1500 किलो मीटर से अधिक दूरी के सी.सी.टी.व्ही. फुटेज एवं 10 लाख से अधिक मोबाईल नंबरों का विश्लेषण किया गया एवं संदिग्ध वाहन माॅडलों के 5 हजार से अधिक वाहनों की जांच की गई। प्रकरण में अलग-अलग क्षेत्र मंे रेड कार्यवाही करने में बिहार एस.टी.एफ. एवं उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सराहनीय योगदान दिया गया.
आरोपियों की गिरफ्तारी एवं अपहृत को सकुशल बरामद करने में आनंद छाबड़ा पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर एवं आरिफ एच शेख, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर के नेतृत्व में अधिकारी/कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही.