बिलासपुर. हवाई सेवा शुरू होने में देरी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार की एजेंसियों से सात फरवरी तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका पर अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसिएशन और पत्रकार कमल दुबे की ओर से जनहित याचिका पूर्व में दायर की गई थी, जिसका कोर्ट ने केन्द्र सरकार के इस हलफनामे के बाद निष्पादित कर दिया था चकरभाठा एयरपोर्ट में हवाई सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस जारी किया जा चुका है और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एयरपोर्ट तैयार किया जा चुका है. इसकी निविदा की प्रक्रिया चल रही है और उसके साथ ही हवाई सेवा शुरू कर दी जायेगी.

इस निष्पादन के बाद भी हवाई सेवा शुरू नहीं हुई.दरअसल बिलासपुर को टू सी हवाई उड़ान का लाइसेंस मिला हुआ है जो व्यावहारिक नहीं है. इस पर याचिकाकर्ताओं की मांग पर फिर से हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू कर दी है.

सोमवार को हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव व एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप दुबे उपस्थित हुए. याचिकाकर्ता कमल दुबे की ओर से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव उपस्थित हुए. राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की तथा केन्द्र सरकार की एजेंसियों की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल गोपा कुमार उपस्थित हुए. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अभी टू सी हवाई सेवा का सेटअप चकरभाठा एयरपोर्ट में उपलब्ध है किन्तु 30 दिन के भीतर इसे थ्री सी एयरपोर्ट में तब्दील किया जा सकता है. राज्य शासन ने एक डीड जारी किया है जिसमें विमानन कम्पनियों से रुचि की अभिव्यक्ति भी मांगी गई है, जो थ्री सी हवाई सेवा के लिए है.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की ओर से कहा गया कि विमानपत्तन प्राधिकरण ने टू सी एयरपोर्ट का लाइसेंस पहले से ही दे रखा है. बिलासपुर के लिए थ्री सी लाइसेंस के लिए कोई प्रस्ताव नहीं था. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि 2017 में केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव विवेक ढांड को पत्र लिखकर थ्री सी कैटेगरी का एयरपोर्ट विकसित करने के लिए पत्र लिखा था. हालांकि तब छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कोई जवाब केन्द्र को नहीं भेजा गया. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 2015 में अपनी बैठक में बिलासपुर हवाई अड्डे को थ्री सी कैटेगरी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भी पास किया था.

कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह ने छत्तीसगढ़ के जन-प्रतिनिधियों को हाल ही आश्वस्त किया था कि छत्तीसगढ़ में हवाई सेवा का विस्तार मंत्रालय की प्राथमिकता में है, लेकिन इसके कुछ दिन बाद जिन प्राथमिकता वाले राज्यों की सूची जारी की गई है उनमें छत्तीसगढ़ या बिलासपुर का नाम नहीं है। इसे हटा दिया गया है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि टू सी कैटेगरी की वर्तमान अनुमति बिलासपुर से नियमित हवाई सेवा के लिए उपयुक्त नहीं है. इसमें केवल 600 किलोमीटर तक की उड़ान की अनुमति है साथ ही यहां 20 सीटर छोटे विमान ही उड़ान भर सकेंगे, जबकि थ्री सी कैटेगरी से देश के महानगरों के लिए दिन की उड़ान की सुविधा मिल सकेगी साथ ही 72 सीटों वाले हवाई जहाज का संचालन किया जा सकता है. इसके अलावा फोर सी कैटेगरी के लाइसेंस की आवश्यकता बिलासपुर में है ताकि रात के समय भी विमान उड़ान भर सकें.

आज की सुनवाई में रक्षा सचिव को भी बुलाया गया था. उनकी उपस्थिति में याचिकाकर्ताओं ने बताया कि सेना को 950 एकड़ जमीन यहां पर दी गई है. हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 100 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जिसके लिए जरूरी पहल केन्द्र सरकार व रक्षा मंत्रालय को करनी होगी। कोर्ट को बताया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय सेना ने इस शर्त पर जमीन देने की सहमति बन दे दी है कि इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल उन्हें भी करने की अनुमति मिलेगी.

केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं ने केन्द्र को आश्वस्त किया कि वे चकरभाठा से सर्वसुविधायुक्त हवाई सेवा शुरू करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. कोर्ट ने तालमेल बनाकर इस कार्य की प्रगति की रिपोर्ट सौंपने कहा है. मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी और सात फरवरी तक सम्बन्धित पक्षों को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा.