रायपुर। डिपार्टमेंट ऑफ एनेस्थेसियोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर द्वारा आयोजित “ग्यारहवीं बेसिक एंड एडवांस्ड कॉर्डियक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम” के दूसरे दिन लाइफ सपोर्ट उपकरणों की सहायता से आपात स्थिति में जीवन की रक्षा करने के तरीके बताये गये। प्रशिक्षण देते हुए मुख्य ट्रेनर एवं कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि कॉर्डियक अरेस्ट के समय लाइफ सपोर्ट उपकरण जैसे – डीफिब्रिलेटर, कृत्रिम श्वांस देने हेतु उपयोग में आने वाले उपकरण (एयरवे, एन्डोट्रेकियल ट्यूब, एलएमए) की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कॉर्डियक अरेस्ट के पहले और बाद में मरीज की उचित देखभाल जरूरी है जिससे कि 24 घंटे के अंदर दुबारा कॉर्डियक अरेस्ट ना हो। इनके साथ ही डॉ. शाह ने इमर्जेंसी ड्रग्स, उनको देने का तरीका, इंट्रावेनस एवं इंट्रा एसेस इंजेक्शन को लगाने के तरीकों की जानकारी दी।

प्रशिक्षक डॉ. विरल शाह ने इफेक्टिव ब्रीदिंग इंस्ट्रूमेंट्स के साथ हाई क्वालिटी चेस्ट कम्प्रेशन की जानकारी दी। मॉनीटर पर प्रदर्शित हो रहे संकेतों के आधार पर एडवांस कॉर्डियक लाइफ सपोर्ट देना बताया। एन्डोट्रेकियल इंटीब्यूशन के उपयोग की जानकारी दी तथा श्वांस की नली में ट्यूब डालकर कृत्रिम श्वांस देना सिखाया। डॉ. मेहुल ने कॉर्डियक अरेस्ट में जब श्वांस तथा धड़कन रूक जाती है तो डिफिब्रिलेटर की मदद से शॉक देना जिससे की हृदय फिर से कैसे शुरू हो सके, यह सिखाया। इसके साथ-साथ अरेस्ट के पहले की कंडीशन जिससे व्यक्ति को अरेस्ट न हो उसको मैनेज करना सिखाया। डॉ. पैलेट ने बताया कि इमर्जेंसी के समय यदि डीफिब्रिलेटर तुरंत उपलब्ध नहीं है तो उसकी व्यवस्था होते तक हाई क्वालिटी सीपीआर जारी रखना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने ईसीजी को देखकर समझने एवं इमर्जेंसी दवाओं के साथ उपकरणों के प्रबंधन की जानकारी दी।

अम्बेडकर अस्पताल के टेलीमेडिसीन हॉल में चल रहे बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एवं एसीएलएस (एडवांस कॉर्डियक लाइफ सपोर्ट) कोर्स को अमेरिकन हॉर्ट एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त है। एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ. के. के. सहारे के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में कोर्स का प्रशिक्षण देने के लिये तीन विशेषज्ञों की टीम अहमदाबाद, गुजरात से आयी है जिसमें डॉ. विरल शाह, डॉ. पल्टियल पैलेट, डॉ. मेहुल गज्जर शामिल हैं वहीं रायपुर से डॉ. सुजोय दास ठाकुर कोर्स का प्रशिक्षण दे रहे हैं।