रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम 2019 की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे आगामी दिनों में रेत नीति से ही 100 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा. वहीं पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल की नीतियों से प्रदेश को हर साल हजारों-करोड़ों रुपए राजकीय कोष में नुकसान पहुंचने का आरोप लगाया.

प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि राज्य में पूर्व खनिज नीति का उत्खनन एवं व्यवसाय विनियमन निर्देश 2006 के तहत ग्राम पंचायतों कोरे व्यवसाय हेतु अधिकृत किया गया था. इन नियमों के तहत संबंधित ग्राम पंचायत जनपद पंचायत,जनपद पंचायत, नगरीय निकायों द्वारा मात्र रॉयल्टी प्राप्त कर रेत खदानें संचालित की जा रही थी, जिसके माध्यम से प्रदेश को हर साल हजारों-करोड़ो रु. की राशि का राजकीय कोष में सीधा नुकसान होता था.

तिवारी ने बताया कि पंचायतों का खनन संचालन में कोई नियंत्रण नहीं होने से मूल्य वृद्धि के साथ-साथ अव्यवस्था उत्पन्न हो गई थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष पहल पर शासन द्वारा कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लिया गया कि पंचायतों एवं नगरीय निकायों के माध्यम से खदानों के संचालन की वर्तमान व्यवस्था में संशोधित करते हुए रेत खदान संचालन हेतु निजी व्यक्ति, संस्था का चयन संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा रिवर्स बिडिंग के आधार पर कराए जाने का निर्णय लिया गया.

उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत द्वितीय चरण परिवहन व्यवसाय से जुड़े ड्रेस का पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. हाल ही में 306 रेत खदानों के लिये एनआईटी जारी किया गया है, जिसमें 298 टेंडर ओपन हो चुके हैं, और 246 रेत खदानों के लिये एलओआई जारी किया जा चुका है, 119 में प्राप्त किया जा कर रहा है.

विकास तिवारी ने कहा कि गत वर्षों में पंचायतों द्वारा संचालित 400 से भी अधिक रेत खदानों में कुल राजस्व 13 करोड़ 80 लाख रुपए रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुई थी, जबकि नवीन रेत अधिनियम संशोधन पश्चात  इन खदानों की नीलामी के लिए 18788 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनसे आवेदन शुल्क के रूप में ही 18 करोड़ 50 लाख रु प्राप्त हुए हैं.