रायपुर। प्रदेश के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ एवं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ .दिनेश मिश्र को यूनाइटेड नेशंस द्वारा जिनेवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला मे भारत से आमंत्रित किया गया है। जहां वे डायन प्रताड़ना और मानवाधिकार के मुद्दे पर आयोजित इस कार्यशाला में व्याख्यान देंगे। महिला प्रताड़ना और उनके मानवाधिकार हनन के कारणों में एक प्रमुख कारण अंधविश्वास और डायन के संदेह में प्रताड़ना भी है जो एशिया के देशों और अफ्रीका के कई देशों में जारी है।

यूनाइटेड नेशन्स के जिनेवा स्थित मुख्यालय में 21 व 22 सितंबर को आयोजित इस कार्यशाला में यूरोप,अफ्रीका,आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, विश्विद्यालयों के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता सहित यूनाइटेड नेशंस के मानवाधिकार परिषद केचेयरमेन और पदाधिकारी भाग लेंगे।

ज्ञात हो डॉ दिनेश मिश्र पिछले 22 वर्षों से जादू टोने के संदेह में महिला प्रताड़ना, डायन (टोनही)प्रताड़ना, उनके मानवाधिकार विभिन्न अंधविश्वासो और सामाजिक कुरीतियों तथा महिला के खिलाफ लगातार कार्य कर रहे है जिसके तहत देश भर में 1500 से अधिक सभाएं कर चुके है। स्कूल,कॉलेजो ,सामाजिक संगठनों के साथ कार्यशालाओं में 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर चुके है। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश, असम, आंध्रप्रदेश ,ओडिसा,झारखण्ड ,महाराष्ट्र ,दिल्ली,हरीयाणा, राजस्थान, बिहार ,उत्तरप्रदेश ,कर्नाटक,में अभियान चला चुके है। छत्तीसगढ़ में जादू टोने के आरोप में महिला प्रताड़ना टोनही प्रताड़ना के खिलाफ जन जागरण तथा प्रदेश में कानून बनाने के लिए किये गए कार्यो के इन्हें लिए राज्य अलंकरण पण्डित रविशंकर शुक्ल सम्मान 2006 में दिया गया था।

वही देश भर में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास एवं अंधविश्वास निर्मूलन के लिए किए गए कार्यों के लिये 2007 में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा नेशनल एवार्ड प्रदान किया जा चुका है।