रिपोर्ट- वैभव बेमेतरिहा/ शशि देवांगन
रायपुर/ राजनांदगांव। संकल्प यात्रा से पहले ही किसानों की गिरफ्तारी हो गई है. राजनांदगांव से आज से किसान संकल्प यात्रा की शुरुआत हो रही थी, लेकिन कल देर रात से किसानों को उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं गांवों से किसानों की गिरफ्तारी लगातार किए जाने की खबर है. यहीं नहीं किसानों के आंदोलन को देखते हुए राजनांदगांव और कवर्धा जिला प्रशासन ने 19 से 21 सितंबर तक धारा 144 लागू कर दिया है.
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने आरोप लगाया है कि शासन-प्रशासन किसानों के आंदोलन बेहद डरी हुई है. यही वजह है कि आंदोलन शुरू होने से पहले किसानों की गिरफ्तारियां शुरू कर दी गई है. जिला किसान संघ के हमारे नेता सुदेश टेकाम सहित सभी किसान नेताओं को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं गांव-गांव में किसानों को डराने और धमकाने का काम किया जा रहा है. सरकार किसान संकल्प यात्रा से इतनी डर गई है कि राजनांदगांव और कवर्धा उन्हें धारा 144 लागू करना पड़ गया है. सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलने के साथ ही लोकतंत्र की हत्या भी कर रही है. अगर सरकार किसान हितैषी है, तो फिर किसानों को संकल्प यात्रा करने से रोक क्यों रही है. क्या मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को डर सता रहा है कि जिस तरीके से उन्होंने प्रायोजित तरीके धान बोनस को लेकर अपना सम्मान कराया था, अभी वहीं के किसान ही उनके वादों के खिलाफ संकल्प यात्रा कर रहे हैं. सरकार को बताना चाहिए है कि आखिर क्यों किसानों को राजधानी तक रैली-यात्रा करने से रोको जा रहा है ? गांव-गांव में प्रशासन ने किसानों को आंदोलन में शामिल नहीं होने के लिए मुनादी कराई.
इन मांगों को लेकर थी संकल्प यात्रा-
4 साल का धान बोनस दे सरकार
स्वामीनाथान कमीशन की सिफारिशों को लागू करे
21 सौ रुपये समर्थन मूल्य के वादे को पूरा करे
कर्जा माफी
सूखा राहत
गौरतलब है कि आज राजनांदगांव जिला किसान संघ की ओर से रमन सरकार की ओर से किए गए वादों को लेकर ही किसान संकल्प यात्रा निकाली जा रही थी. राजनांदगांव जिले से शुरू होने वाली इस यात्रा में बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के गृह जिला कवर्धा से भी किसान शामिल हो रहे थे. राजनांदगांव से शुुरू होकर यात्रा का समापन 21 सितंबर को रायपुर में होने वाला था.