प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. जिले के सहसपुर लोहारा के बिरोड़ा गांव से अपहृत बालक डोनेश कुमार राणा के तीन अपहरणकर्ता व हत्या के आरोपी को पुलिस ने घटना के 36 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया था, और चंद घंटे बाद ही आरोपियों ने मासूम की हत्या कर दिया. इसके बाद आरोपी गांव आकर बच्चे को ढूढ़ने का नाटक करने लगे. पुलिस ने जब गांव के संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ किया, तब मामले का खुलासा हुआ. आरोपियों के निशानदेही पर बालक का कंकाल बरामद किया गया.
पुलिस ने बताया कि 26 दिसंबर 2019 को थाना सहसपुर लोहारा क्षेत्र के ग्राम बिरोड़ा का कुशल राम राणा ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका छोटा लड़का डोनिश कुमार राणा उर्फ हिमांशु राणा (9 साल) शाम करीब 5:30 बजे बैडमिंटन व चिड़िया लेकर घर से निकला था, जो रात तक घर नहीं आया, तब उनके दोस्त व परिवार में मोबाईल से पूछताछ कर पता किया, लेकिन डोनेश का कही पता नहीं चला. इसी दौरान अपहरण की सूचना मिली. तत्काल थाना प्रभारी सहसपुर लोहारा के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया गया, जिस पर कबीरधाम एसपी ने त्वरित कार्यवाही करते हुए थाना प्रभारी सहसपुर लोहारा को ग्राम बिरोड़ा जाकर पतासाजी करने निर्देशित किया.
पुलिस टीम ने लगातार अपहृत बालक के तलाश में घटना के सभी संभावनाओं पर कार्य किया. इस दौरान रेंज स्तर से दुर्ग, राजनांदगांव टीम तथा स्थानीय तकनीकी टीम के द्वारा भी हरसंभव प्रयास किया गया. पतासाजी के दौरान आपसी रंजिश की भी संभावनाओं को देखते हुए कार्य किया गया तथा क्षेत्र के आपराधिक एवं संदिग्ध व्यक्तियों से भी लगातार पूछताछ की गई. अप्रिय घटना के अंदेशा पर गांव के आसपास के क्षेत्रो में सघन सर्चिंग कराई गई.
इसी दौरान संदिग्ध यशवंत पाली को निगरानी में लेकर जांच पड़ताल किया गया. पुलिस की पूछताछ में उसने गुनाह कबूल कर लिया. और पुलिस को बताया कि हेंमत पाली एवं कोमल पाली के साथ मिलकर करीब 2 महीने पहले गांव में मिले और योजना बनाये कि गांव के कुशल राणा काफी पैसे वाला है. उसके छोटे बेटे हिमांशु का अपहरण करेंगे और तीस लाख रुपये की फिरौती वसूल करेंगे.
26 दिसंबर शाम को हिमांशु राणा अपने घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेल रहा था. जिसे आरोपी हेमन्त पाली बहला फुसलाकर गांव के स्कूल अंदर ले गया, जहां पर इनके अन्य साथी पहले से मौजूद थे. आरोपी अपहृत बालक के मुंह में सेलो टेप लगाने लगे. उसी दौरान हिमांशु राणा चिल्लाकर आवाज करने लगा तो पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने गमछा से बालक का गला दबाकर एवं पत्थर से कुचलकर हत्या कर दिया. इसके बाद शव को बोरा में भरकर ग्राम टाटावाही के बाहर ग्राम धनौरा रोड़ किनारे घुरूवा में दबा दिया. शव को ठिकाना लगाने के बाद तीनों मोटर साइकिल से अपने घर आ गए. रात में कुशल राणा ने अपने बालक की गुम होने की सूचना गांव वालों को दी तो गांव वाले आसपास तलाश किए. उस दौरान आरोपी भी गांव वालों के साथ तलाश में लगे रहे.
इसी बीच पुलिस बच्चे के तलाश में जुटी थी. कोई सुराग नहीं मिला तो आस-पास गांव के संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई, तो इसमें यशवंत पाली ने जुर्म कबूल कर लिया. इस अपहरणकांड में दो और साथी होने की बात बताई. पुलिस ने तत्काल दोनों आरोपी को धर दबोचा. आरोपियों के बताए स्थान ग्राम टाटावाही के घुरूवा से मृतक हिमांशु राणा के कपड़े, जुट का बोरा, कंबल तथा पास के जंगल से कुछ हड्डियां बरामद की गई.