रायपुर। आज पूरे विश्व में कोरोना वायरल को लेकर चिंता बढ़ी हुई है. भारत को आनन-फानन में चीन के वुहान प्रांत में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को निकालना पड़ा है. केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देश में कोरोना वायरल को लेकर चिंता बढ़ी हुई है. वजह है कि कोरोना वायरस का अभी तक कोई उपचार नहीं खोजा जा सका है, ऐसी स्थिति में अपने आपको इस संक्रमण से बचाकर रखना ही सबसे बेहतर उपाय है.
आइए अब कोरोना वायरस को जानते हैं. कोरोना वायरस एक तरह का आम वायरस है, जो नाक, साइनस या ऊपरी गले में संक्रमण का कारण बनता है. अधिकांश कोरोना वायरस खतरनाक नहीं हैं. कुछ कोरोना वायरस गंभीर किस्म के हैं, जो जानलेवा साबित होते हैं. कोरोना वायरस की सबसे पहले 1960 के दशक में पहचान हुई. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह कैसे अस्तित्व में आया. कोरोना वायरल को नाम उसके क्राउन आकार की वजह से मिला है. यह जानवरों और मनुष्यों दोनों को संक्रमित कर सकता है.
सबसे पहले यह वायरस 2012 में सउदी अरब में मिडिल ईस्ट रेसिपेट्री सिंड्रोम (MERS) मिला जो मध्य पूर्व से अफ्रीका, एशिया के अन्य हिस्सों और यूरोप में फैलने से 858 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद अरेबियन प्रायद्वीप से बाहर 2015 में कोरिया में इस वायरस का प्रकोप देखने को मिला. इसके बाद दिसंबर 2019 में चीन में एक नए तरह के कोराना वायरस का प्रकोप देखने को मिला. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी 2019 नोवल कोरोना वायरस (2019-nCoV) की रूप में पहचान की है.
कैसे बच सकते हैं वायरस से
कोरोना वायरस से अक्सर बंद, खासी और गले में खराश जैसी शिकायत रहती है. वहीं बच्चों में इसका असर कानों के मध्य में असर डालता है. इसका इलाज सामान्य खासी-सर्दी की दवा से किया जा सकता है. इस वायरस से ठीक उसी तरह से बचा जा सकता है, जैसा कि अन्य संक्रमणकारियों वायरसों से बचा जाता है. यह खांसने और छींकने, संक्रमित व्यक्ति के हाथों या चेहरे को छूने से फैलता है. इसके लिए हाथों को साबुन और गर्म पानी से या अल्कोहल आधारित हाथ सैनिटाइजर से अच्छी तरह धोएं. अपने हाथों और उंगलियों को अपनी आंखों, नाक और मुंह से दूर रखें. संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें.