राजनांदगांव- ये खबर चौकाती भी हैं और सतर्क भी करती हैं. सोशल मीडिया में वायरल किया गया ये वीडियो रौंगटे खड़ी करने वाला है. मामला राजनांदगांव के किसान सम्मेलन से जुड़ा हुआ है, जहां ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को दिये गए लंच पैकेट में प्लास्टिक का चावल मिला. वीडियो किसी औऱ ने नहीं बल्कि महिला पुलिसकर्मी ने तैयार कर इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया है. लल्लूराम डाॅट काॅम इस वीडियो की सत्यता को प्रमाणित नहीं करता, लेकिन सोशल मीडिया पर जिस तरह से ये वीडियो वायरल किया जा रहा है, ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वाकई छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक चावल की सप्लाई हो रही है?
इस वायरल वीडियो में कई महिला पुलिस कर्मी साथ बैठी नजर आ रही हैं. हालांकि इनमें से किसी का चेहरा वीडियो में नहीं दिखाया गया है. वीडियो में महिला पुलिस कर्मी ने उन्हें दिए गए लंच पैकेट में से चावल को छोटे-छोटे गेंद की तरह उछालकर ये बताने की कोशिश की है कि चावल प्लास्टिक का होने की वजह से उछल रहा है. वीडियो के जरिए महिला पुलिसकर्मी ने ये भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि जो लंच पैकेट उन्हें दिया गया है. उसमें मौजूद प्लास्टिक चावल की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को हैं या नहीं. उन्होंने कहा है कि इस वीडियो को बनाने का मकसद सिर्फ इतना है कि जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जा सके.
ये पहला मौका नहीं है, जब सोशल मीडिया पर प्लास्टिक चावल को लेकर वीडियो वायरल किया गया है, इससे पहले भी ऐसे कई वीडियो वायरल किये जाते रहे हैं.
वायर वीडियो में महिला पुलिस कर्मी ने ये कहा-
आज 19.09.2017 की डेट है. आज राजनांदगांव जिले में हम लोग किसान सम्मेलन में ड्यूटी के लिए उपस्थित हुए हैं. ये हमारा लंच पैकेट हैं. इस पैकेट में आचार, दाल, सब्जी, पुरी, चावल सब कुछ है. खाना अच्छा है. क्वालिटी भी अच्छी ही लग रही है पर ये वीडियो मैं इसलिए दे रही हूं, क्योंकि जो चावल हमें दिया गया है. वह प्लास्टिक का चावल है. नार्मली हम चावल को मैस करते हैं, तो वह पूरी तरह से मैस हो जाता है, वह चिपकता नहीं है. लेकिन ये रबर के जैसा है. हमने चावल का बाल बनाया है. इसे जमीन पर डालने पर उछल रहा है. ये टूटता नहीं है. आप लोगों ने न्यूज में देखा होगा कि ऐसे कई वीडियो वायरल हुए थे. आरपीएफ को भी दिया गया था. आज हमने लाइव देखा है. इससे पहले नहीं देखा था. इस वीडियो को इसलिए ही बना कर भेज रही हूं कि ये सामने आ सके. मुझे नहीं पता की अधिकारियों को इस बारे में कुछ पता है या नहीं, लेकिन यदि पता है, तो इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों की है. नहीं पता तो यह वीडियो देखकर चावल की सप्लाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इस वीडियो को इतना फैलाइये कि हमारा प्रशासन जागे और हम जैसे कर्मचारियों को अच्छा भोजन मिल सके. पहले सिर्फ पुड़ी-सब्जी मिलता था, अब चावल एड किया गया है, लेकिन ये चावल प्लास्टिक का है. कर्मचारियों को खाने में दिया जाने वाले भोजन में सुधार हो सके.
देखिए वीडियो-
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ऐसा नहीं है कि सरकार का ध्यान प्लास्टिक चावल की सप्लाई की अफवाहों पर नहीं गया है. अगस्त में खाद्य विभाग ने 96 सैंपलों की जांच कराई थी. जांच रिपोर्ट के बाद विभागीय सचिव ऋचा शर्मा ने बताया था कि सैंपलों की जांच में प्लास्टिक नहीं मिला. ये सैंपल 20 जिलों के सरकारी राशन दुकानों, मध्यान्ह भोजन में इस्तेमाल होने वाले व खुले बाजार में बिकने वाले चावल से लिए गए थे. शासन ने ये बात बी उस वक्त स्पष्ट किया था कि छत्तीसगढ़ का चावल देश के दूसरे राज्यों में भी पीडीएस में इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए यहां यह जांच करना जरूरी था. चावल के उछलने पर शासन ने दलील दी थी कि चावल कार्बोहाइड्रेट जिसे एमाइलोज (स्टार्च) कहते हैं, उसकी वजह से उछलता है.