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रायपुर. गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ के तहत नगर पालिक निगम बीरगांव में संचालित मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम के तहत ई- साक्षरता केंद्र में श्रेष्ठ पालकत्व पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया. केंद्र के शिक्षार्थियों को जानकारी देते हुए स्त्रोत सदस्य लोकेश कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चों का लालन-पालन एक स्वाभाविक प्रक्रिया के साथ-साथ कला भी है, जिसे सभी पालकों को जानना जरूरी है. बच्चों के समुचित शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक विकास के लिए, बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए, श्रेष्ठ नागरिक तैयार करने के लिए, जीवन कौशल विकास के लिए, सतत प्रेरणा देने के लिए, राष्ट्रीय व सामाजिक मूल्यों के संरक्षण एवं भावी पीढ़ी में नैतिक संस्कारो के हस्तांतरण के लिए श्रेष्ठ पालकत्व की आवश्यकता होती है
केंद्र प्रभारी लोकेश कुमार वर्मा ने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से शिक्षार्थियों को बताया कि बच्चों में शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, नैतिक मूल्य, शारीरिक, संवेगात्मक, सामाजिक विकास के लिए समुचित मार्गदर्शन देते हुए बच्चों में उदारता, संवेदनशीलता, सदाचारी, कल्पनाशीलता, स्वीकार्यता, जिज्ञासु, सक्रियता, परानुभूति, सृजनात्मक, नशामुक्त जीवन, अध्ययनशील व्यक्तित्व, मितव्ययिता, दायित्व बोध आदि गुणों का विकास करना ही श्रेष्ठ पालकत्व है. बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय व्यतीत कर उनकी रुचि अभिरुचि का ख्याल रख, उनके क्षमता व कमी का चिन्हांकन कर बच्चों के सर्वांगीण विकास के दिशा में कार्य किया जा सकता है.