नई दिल्ली. केंद्र सरकार फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए एक नया कानून लेकर आएगी, इस कानून के तहत 50 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा. वर्तमान समय में कंपनियों के द्वारा भ्रामक विज्ञापन देकर अपने उत्पादों का प्रचार किया जा रहा है. इन विज्ञापनों के माध्यम से लंबाई बढ़ाना, वजन कम करना, बुढ़ापा आने से रोकना, नपुंसकता दूर करना, गोरा होना, याददाश्त बढ़ाना जैसे उत्पादों का विज्ञापनों के माध्यम से ग्राहकों को बेवकूफ बनाया जाता है. भ्रामक विज्ञापन देकर अपने उत्पादों को बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ केंद्र सरकार सख्त कार्यवाही करेगी और 50 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए ड्रग्स एडं मैजिक रेमिडीस (ऑब्जेक्शनेबल एडवर्टाइजमेंट) एक्ट-1954 में संशोधन का मसौदा पेश किया गया है. इसमें प्रावधान किया गया है कि ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाई जाए जो भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से झूठा दावा कर अपने उत्पादों को बाजार में बेचते हैं. संशोधन के मुताबिक, 78 बीमारियों, विकारों तथा स्थितियों को दूर करने का दावा करने वाले उत्पादों का विज्ञापन नहीं किया जाना चाहिए. जिन बीमारियां के विज्ञापनों को शामिल किया गया है, उसमें यौन शक्ति बढ़ाना, नपुंसकता दूर करना, शीघ्रपतन, गोरा बनाना, बुढ़ापा आने से रोकना, एड्स, याददाश्त बढ़ाना, लंबाई बढ़ाना, असमय बालों का सफेद होना, मोटापा दूर करना, सेक्स करने की अवधि बढ़ाना सहित कई और स्थितियां हैं.

अब ऐसी कंपनियों को भ्रामक विज्ञापन देने पर 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भुगतान करना होगा और दो साल जेल की सजा होगी. इसके बाद भी अगर कंपनी अपने उत्पादों को बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन करती है तो 5 साल की जेल और 50 लाख तक का जुर्माना होने की संभावना है.