मनोज यादव, कोरबा। चिटफंड कंपनी बनाकर 7 हजार से अधिक निवेशकों से 15 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने वाले कंपनी के दो डायरेक्टर को पकड़ने में कोरबा पुलिस ने कामयाबी हासिल की है. दोनों आरोपी 2016 से फरार चल रहे थे. इनके विरुद्ध न केवल कोरबा में बल्कि जांजगीर-चांपा, रायपुर, दुर्ग, बालोद और धमतरी जिले में भी अपराध दर्ज है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थी नागेश्वर लाल यादव पिता दिलहरण यादव निवासी ग्राम खरहरकुड़ा, जिला कोरबा ने उरगा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि देवयानी प्रापर्टीज के डायरेक्टर रमेश चौधरी, राघवेन्द्र सिंह जादौन, प्रदीप प्रजापति, विपिन सिंह यादव, सौरभ काबरा एवं अन्य ने 05 वर्षों में रकम दोगुना करने की स्कीम बताकर कंपनी में निवेश कराया था. आवेदक ने स्वयं 3 लाख 91,260 रुपए और पत्नी संतोषी यादव ने 87,300 रुपए निवेश किया था. पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी द्वारा रकम वापस नहीं की गई और कार्यालय बंद कर फरार हो गए.
आवेदक की रिपोर्ट पर थाना उरगा में धारा 420, 406, 409, 120(बी), 34 भादवि 04, 05, 06 चिट मनी सर्कुलर एक्ट एवं 10 छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया. पूर्व में आरोपी रमेश चौधरी पिता सूरजमल चौधरी और रामपाल सेंगर पिता सुलतान सिंह सेंगर को ग्वालियर से गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया है. वहीं फरार अन्य आरोपियों के विरुद्ध विवेचना जारी रखा गया था.
प्रकरण पर कोरबा एसपी आईपीएस जितेन्द्र सिंह मीणा ने डीएसपी राम गोपाल करियारे व सीएसपी राहुल देव शर्मा के पर्यवेक्षण में उरगा थाना प्रभारी रिशचन्द्र टाण्डेकर और उप निरीक्षक कृष्णा साहू के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन कर फरार डायरेक्टर्स की गिरफ्तारी के लिए ग्वालियर भेजा, जहां टीम ने पतासाजी कर दो डायरक्टर्स को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. शेष अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी एकत्रित किया जा रहा है, जिन्हें शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
डायरेक्टरर्स की गिरफ्तारी के लिए ग्वालियर भेजी गई टीम में उप निरीक्षक कृष्णा साहू, प्रधान आरक्षक उदय सिंह ठाकुर, प्रधान आरक्षक दुर्गेश राठौर, आरक्षक प्रकाश कुमार चन्द्रा, आरक्षक प्रेमचंद साहू, आरक्षक राजू लहरे, आरक्षक प्रेमेन्द्र चन्द्रा और आरक्षक संतोष चौधरी शामिल थे.