रायपुर। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती सरकार में लम्बे समय तक आबकारी विभाग के ओएसडी रहे समुंद्र सिंह की अग्रिम ज़मानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. समुंद्र सिंह के कारनामों की शिकायत करने वाले कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने कहा है कि समुंद्र सिंह जल्द ही अब कानून की गिरफ्त में होंगे. हाई कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी समुंद्र सिंह की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस कौल ने अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई की.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता नितिन भंसाली की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने समुंद्र सिंह के द्वारा किये गए घोटालों की जांच करते हुए उनके ठिकानों से करोड़ों की अघोषित संपत्ति को उजागर किया था. ईओडब्ल्यू को तभी से उनकी तलाश है. समुंद्र सिंह के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (3) के तहत जुर्म दर्ज है. समुंद्र सिंह पर आरोप है कि वर्ष 2006 से 2017 के बीच आबकारी विभाग में संविदा में ओएसडी के पद पर रहते हुए भाजपा शासनकाल में उन्होंने शराब मूल्य निर्धारण एवं आबकारी नीति बनाने में अहम भुमिका निभाई, जिससे शराब ठेकेदारों ओर आबकारी अधिकारियों और नेताओं को करोड़ो का फ़ायदा हुआ जबकि राज्य सरकार को इस से करोड़ों का नुक़सान हुआ.

सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस मामले में तथ्यों के साथ शिकायत की थी. मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके जांच के आदेश दिए थे जिस पर ईओडब्ल्यू ने समुन्द्र सिंह के ठिकानों पर छापामारी एवं जांच करते हुए प्रकरण दर्ज किया था तभी से समुन्द्र सिंह लापता है और उनका कोई अता पता नहीं है हाल ही में ईओडब्ल्यू ने फरार समुन्द्र सिंह पर 10 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित किया है.